advertisement
पद्मा लक्ष्मी (Padma Lakshmi) पहली महिला ट्रांसजेंडर वकील बन गई जिनका "बार काउंसिल ऑफ केरल" (Bar Council of Kerala) में रविवार 19 मार्च को रजिस्ट्रेशन हुआ. लक्ष्मी के अलावा 1500 और लॉ ग्रेजुएट स्टूडेंट्स का बार काउंसिल ऑफ केरल में नामांकन हुआ.
लक्ष्मी की उपलबध केरल के कानून मंत्री पी राजीव ने लक्ष्मी को बधाई दी. उन्होंने लक्ष्मी के ट्रांसजेंडर समुदाय की आवाज बनने के उनके दृष्टिकोण की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि लक्ष्मी की कहानी ट्रांसजेंडर समुदाय के अन्य लोगों को प्रेरित करेगी.
राजीव ने इंस्टाग्राम पर मलयालम (अंग्रेजी में ट्रांसलेट किया गया) में एक पोस्ट लिखा, जिसमें उन्होंने कहा,"पद्म लक्ष्मी को बधाई जिन्होंने जीवन की सभी बाधाओं को पार किया और केरल में पहले ट्रांसजेंडर अधिवक्ता के रूप में रजिस्टर्ड हुई. प्रथम बनना हमेशा इतिहास की सबसे कठिन उपलब्धि है. लक्ष्य के रास्ते में कोई पहले नहीं हैं. बाधाएं बहुत होंगी. वहां लोग चुप और निराश होंगे. पद्मा लक्ष्मी ने इन सब पर काबू पाकर कानूनी इतिहास में अपना नाम लिखा है."
भारत की पहली ट्रांसजेंडर जज बनीं जोयिता मंडल के बाद पद्मा लक्ष्मी की इस उपलब्धि की सोशल मीडिया पर तारीफ हो रही है. मंडल को 2017 में पश्चिम बंगाल के इस्लामपुर की लोक अदालत में न्यायाधीश नियुक्त किया गया था.
2018 की शुरुआत में, ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता विद्या कांबले को महाराष्ट्र के नागपुर में एक लोक अदालत में सदस्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. उसी साल देश को तीसरा ट्रांसजेंडर जज स्वाति बिधान बरुआ मिला, जो गुवाहाटी की रहने वाली हैं.
पद्मा लक्ष्मी पहली महिला ट्रांसजेंडर वकील हैं, जिनका "बार काउंसिल ऑफ केरल" में नामांकन हुआ है. उन्होंने केरल के एर्नाकुलम गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से ग्रेजुएशन पास किया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)