advertisement
हरियाणा में स्कूल बस पर अटैक. बस में मौजूद थे बच्चे.
गुजरात, जम्मू, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में हिंसा भड़क उठी. भीड़ ने सिनेमा हॉल पर पथराव किया, गाड़ियों को जलाया.
करणी सेना के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह काल्वी का कहना है कि ‘पद्मावत’ के खिलाफ विरोध जारी रहेगा.
काल्वी ने करणी सेना के सदस्यों की ओर से फिल्म देखे जाने और उसे हरी झंडी देने को ‘अफवाह’ बताया.
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार के फिल्म ‘पद्मावत’ पर बैन लगाने की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर रिलीज का रास्ता साफ कर दिया था.
संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत के 25 जनवरी को रिलीज से पहले करणी सेना समेत दूसरे संगठनों का बवाल जारी है. हरियाणा, राजस्थान, गुजरात समेत देश के कई राज्यों से तोड़फोड़ और आगजनी की खबरें आ रही हैं. प्रदर्शनकारियों ने गुरुग्राम में स्कूल बस तक को नहीं छोड़ा. जिस वक्त स्कूल बस में तोड़फोड़ की गई उसमें बच्चे और टीचर मौजूद थे लेकिन ‘राजपूतों की इज्जत’ के नाम पर किए जा रहे इस विरोध में महिला टीचरों और बच्चों पर भी नरमी नहीं बरती गई.
इसके अलावा देशभर में फिल्म के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन किए गए.
हरियाणा के ही गुड़गांव में भोंडसी गांव के पास करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने रोडवेज की बस में आग लगा दी. हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ.
राजपूत करणी सेना की धमकी के मद्देनजर गुड़गांव में रविवार तक धारा 144 लागू कर दी गई है.
हालात को देखते हुए आईनाॅक्स गुड़गांव ड्रीम्ज के पास सिक्योरिटी फोर्स तैनात कर दिया गया है.
श्रीराजपूत करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने कहा कि फिल्म पद्मावत की सिनेमाघरों में प्रदर्शन रोकने के लिये किसी भी सूरत में देशभर में ‘जनता कर्फ्यू' लगाया जायेगा. कालवी ने पद्मावत के प्रदर्शन से पहले करणी सेना के सदस्यों के फिल्म देखने की खबरों को खारिज कर दिया.
फिल्म के विरोध में चित्तौड़गढ़ किले के पास आगजनी की गई.
गुजरात के सिनेमाघर मालिकों ने कहा कि ‘पद्मावत' फिल्म को लेकर पैदा विवाद सुलझने तक राज्य के किसी भी मल्टीप्लेक्स या सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर में इस फिल्म को नहीं दिखाया जाएगा. उधर, पुलिस ने मंगलवार रात वहां मॉल के बाहर हिंसा के संबंध में 50 लोगों को गिरफ्तार किया. गुजरात मल्टीप्लेक्स आनर्स एसोसिएशन ने कहा कि दर्शकों और संपत्ति की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ये फैसला किया गया.
इससे पहले पुलिस ने कहा था कि फिल्म की रिलीज का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार शहर के तीन मॉलों के बाहर कम से कम 30 मोटरसाइकिल जला दी थीं. और कई अन्य वाहनों को नुकसान पहुंचाया था. पुलिस ने कहा कि करीब 15 लेागों को मंगलवार देर रात गिरफ्तार किया गया जबकि आगजनी और दंगा करने के आरोप में बुधवार को 35 और लोगों को हिरासत में लिया गया. संयुक्त पुलिस आयुक्त जे के भट्ट ने कहा कि हालात पर काबू पाने के लिए, पुलिस ने हवा में दो गोलियां और आंसू गैस के गोले चलाए थे.
नासिक में ‘पद्मावत' के खिलाफ प्रदर्शन करने पर करणी सेना के करीब 20 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. राजपूत संगठन के एक नेता ने इससे पहले धमकी दी थी कि कार्यकर्ता जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर गंगापुर बांध में जल समाधि लेंगे. नासिक तालुका थाने के निरीक्षक बाबासाहेब थोम्बे ने कहा कि गंगापुर बांध के पास प्रदर्शनकारियों के जुटने पर उन्हें हिरासत में लिया गया.
इंदौर में करणी सेना और अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जिले में जगह-जगह उग्र प्रदर्शन किये. चश्मदीद लोगों ने बताया कि किशनगंज क्षेत्र में करीब 200 प्रदर्शनकारियों ने पिगडम्बर चौराहे के पास राष्ट्रीय राजमार्ग-तीन (आगरा-मुंबई राजमार्ग) पर चक्काजाम किया. उन्होंने बताया कि तनावपूर्ण माहौल में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच बहस भी हुई. प्रदर्शनकारियों के और उग्र होने से पहले पुलिस ने हालात पर काबू पा लिया.
चक्काजाम के दौरान पथराव की खबरें भी आई जिससे पुलिस ने इन्कार किया. उन्होंने हालांकि बताया कि आंदोलनकारियों ने सड़क पर कांच की बोतलें फोड़ीं. उन्होंने कहा, "हमने इस उग्र प्रदर्शन की वीडियोग्राफी करायी है. आरोपियों की पहचान कर उनके खिलाफ उचित कदम उठाये जायेंगे."
इस बीच, यशवंत सागर बांध के पास करणी सेना के करीब 50 कार्यकर्ताओं ने इंदौर- देपालपुर रोड पर चक्काजाम किया और भंसाली का पुतला जलाया. इनमें से कुछ प्रदर्शनकारी लाठियों से लैस थे. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को "चेतावनी" देकर चक्काजाम खत्म कराया गया.
फिल्म के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने इंद्रा सिनेमा के टिकट काउंटर पर तोड़-फोड़ की और फिल्म के खिलाफ नारेबाजी की.
उत्तरप्रदेश के मेरठ में कथित तौर पर फिल्म के विरोध में पीवीएस माॅल के पास पत्थरबाजी की गई. वहीं लखनऊ के गोमती नगर में पुलिसवालों ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा.
मथुरा में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन रोक दी.
देशभर में बुधवार को फिल्म के विरोध का ये हिंसक रूप बता रहा है कि प्रदर्शनकारियों को ना तो पुलिस का डर है और ना ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कोई सम्मान है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)