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पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी (FM Bilawal Bhutto Zardari) 4 और 5 मई को गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे.
यह भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में पहला कदम हो सकता है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री (MOF) की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने औपचारिक रूप से घोषणा की है कि बिलावल एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए 4-5 मई तक गोवा की यात्रा करेंगे.
उन्होंने कहा कि बिलावल भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के निमंत्रण पर बैठक में शामिल होंगे.
मुमताज जहरा बलूच ने कहा, "बैठक में हमारी भागीदारी एससीओ चार्टर और प्रक्रियाओं के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता और पाकिस्तान द्वारा अपनी विदेश नीति की प्राथमिकताओं में क्षेत्र को दिए जाने वाले महत्व को दिखाती है."
यह ऐसे समय में आया है जब 2019 में बालाकोट हवाई हमले के बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध रुक गए थे. इस यात्रा का ज्यादा महत्व इसलिए भी है क्योंकि बिलावल लगभग 12 सालों के अंतराल के बाद भारत आने वाले पहले विदेश मंत्री होंगे. जुलाई 2011 में भारत की यात्रा करने वाली अंतिम विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार थीं.
जनवरी में, भारत ने एससीओ के अन्य सभी सदस्य देशों के साथ पाकिस्तान के विदेश मंत्री को बैठक में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था. भारत द्वारा निमंत्रण दिए जाने के बाद से, पाकिस्तान का विदेश कार्यालय इस मामले पर विचार-विमर्श कर रहा था कि वह निमंत्रण का जवाब कैसे दे.
राजनयिक सूत्रों ने कहा कि इस बात पर चर्चा हुई थी कि बिलावल को निमंत्रण से इनकार नहीं करना चाहिए बल्कि भारत की यात्रा करने के बजाय वीडियो लिंक के माध्यम से बैठक में भाग लेना चाहिए.
हालांकि, बैठक के लिए गोवा की यात्रा करने के निर्णय के साथ, कई लोग इसे एससीओ (SCO) के दो महत्वपूर्ण सदस्यों और क्षेत्र के प्रमुख भूमिका निभाने वाले खिलाड़ियों के बीच जुड़ाव और तनावपूर्ण संबंधों के सामान्यीकरण की दिशा में सकारात्मक प्रगति की आशा के रूप में देखते हैं.
इसके अलावा गोवा में बैठक में हिस्सा लेने के निमंत्रण पर पाकिस्तान की सकारात्मक सहमति के साथ, सुरक्षा पर एससीओ की बाद की बैठक भी होनी है, जिसका निमंत्रण भारत द्वारा पाकिस्तान को भी दिया गया है.
लेकिन फिलहाल, यह अनिश्चित है कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भारत की यात्रा करेंगे या वर्चुअली पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे.
एक वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ ने कहा, "बिलावल भुट्टो की भारत यात्रा को एक अहम कदम के रूप में देखा जाएगा. यह प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण होगा. हालांकि, यह द्विपक्षीय संबंधों में कोई बड़ा बदलाव नहीं ला सकता है."
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