Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019पाकिस्तान की ड्रोन वाली साजिश: हथियार से लेकर ड्रग की सप्लाई, जानें कितना घातक?

पाकिस्तान की ड्रोन वाली साजिश: हथियार से लेकर ड्रग की सप्लाई, जानें कितना घातक?

हथियार से लेकर ड्रग सप्लाई, बैकडोर से आतंक की दस्तक

स्मिता चंद
भारत
Published:
<div class="paragraphs"><p>Pakistan का नया हथियार ड्रोन, </p></div>
i

Pakistan का नया हथियार ड्रोन,

(फोटो-अलटर्ड बाई क्विंट हिंदी)

advertisement

पाकिस्तान (Pakistan) कई दशकों से जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरीके इजाद करता रहा है. जब जमीन से अपने मंसूबे अंजाम देने में नाकाम रहा तो अब वो हवा के रास्ते आतंकी साजिश रच रहा है. पिछले कुछ वक्त से पाकिस्तान ड्रोन के जरिए हथियार ही नहीं बल्कि ड्रग की सप्लाई कर कश्मीर के युवाओं को बरगलाने का काम कर रहा है.

ड्रोन से साजिश के ताजा मामले

2020 के बाद ड्रोन द्वारा हथियारों के सप्लाई के कई मामले सामने आए. सूत्रों के मुताबिक 2020 में 79, 2021 में 109 और 2022 में अब तक 266 ड्रोन फ्लाइट देखे गए हैं.

25 नवंबर 2022 को जम्मू-कश्मीर के सांबा में एक ड्रोन से गिराई गई खेप पकड़ी गई, इसमें IED (Improvised Explosive Devices), दो चाइनीज पिस्टल और 5 लाख रुपये कैश मिला.

22 सितंबर 2020 को जम्मू-कश्मीर के अखनूर इलाके में सुरक्षा बलों ने ड्रोन से 2 एके 47 राइफल, एक चाइनीज पिस्टल और भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद किया.

19 सितंबर को जम्मू-कश्मीर के राजौरी में एक OGW के घर से 2 AK 47 राइफल, 2 पिस्टल और 1 लाख रुपये नकद बारामद हुआ.

एक और मामले में 9 सितंबर 2020 को कठुआ में एक ओजीडब्ल्यू गिरफ्तार हुआ, जिसके पास से 1AK 47 राइफल, 1 M4 राइफल, 6 चाइनीज पिस्टल बारामद हुआ. दोनो ही मामले में पूछने से पता चला के ये हथियार ड्रोन द्वारा पाकिस्तान ने सीमा के इस पार भेजे थे.

23 जुलाई 2022 को जम्मू के कनचक इलाके में सुरक्षा बलों ने एक ड्रोन को मार गिराया.ड्रोन से 5 किलो बेहद खतरनाक विस्फोटक बारामद हुआ, जो किसी बड़े हमले को अंजाम देने के मनसूबे से भेजा गया था.

29 मई 2022 को जम्मू-कश्मीर के राजबाग इलाके में सुरक्षा बलों ने एक पाकिस्तानी ड्रोन को मार गिराया.ड्रोन से 7 मैग्नेटिक बम और 7 ग्रेनेड बारामद किए गए.

आसमान से पाकिस्तान की साजिश

(फोटो: क्विंट)

ड्रोन की मदद से ड्रग और हथियार की हो रही है सप्लाई 

(फोटो: क्विंट)

ड्रोन की मदद से ड्रग भी हो रही सप्लाई

सेना के सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की मदद के लिए पाकिस्तान ड्रोन का इस्तेमाल कर सीमा पार हथियारों की सप्लाई के साथ-साथ ड्रग भी सप्लाई कर रहा है. पाकिस्तान के पास कई ऐसे आधुनिक ड्रोन हैं, जो करीब 20 से 25 किलो वजन को 15 किमी दूर तक ड्रॉप कर सकते हैं.

ड्रग्स की सप्लाई कर पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में नार्को टेररिज्म को बढ़ावा दे रहा है. ड्रोन दवारा लाए गए ड्रग्स के पैकेज OGW घाटी में ले जाते हैं और वहां के नौजवानों को बेचते हैं. ड्रग्स की बिक्री से जो पैसे मिलते हैं, उसका इस्तेमाल अतंकी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

सूत्रों के मुताबिक इस तरह पाकिस्तान ड्रोन द्वारा लाए गए ड्रग्स से ना सिर्फ आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि कश्मीर की आने वाली पीढ़ी को भी बर्बाद कर रहा है, ड्रग्स के एडिक्ट होने से कई नौजवान आतंकवादी गतिविधियों में भी शामिल हो जाते हैं.

कैसे होती है ड्रोन से हथियार सप्लाई?

आर्मी सूत्रों का दावा है ये एक्शन बॉर्डर स्थित लॉन्च पैड से किया जाता है. लॉन्च पैड पर पाकिस्तानी सेना द्वारा हथियार और ग्रेनेड के पैकेज को ड्रोन से अटैच किया जाता है. फिर इन ड्रोन को सीमा पार जम्मू-कश्मीर में भेजा जाता है. आकार में छोटे होने की वजह से ये ड्रोन ना ही रडार की पकड़ में आते हैं, ना ही ये जमीन से दिख पाते हैं. यही वजह है कि इन्हें पकड़ना बहुत मुश्किल है.

लॉन्च पैड से उड़ान भरने के बाद ड्रोन को रिमोट कंट्रोल द्वार सीमा पार ले जाता है. वहां पर पहले से निर्धारित जगह पर पहुंचाने के बाद ये ड्रोन अपने पेलोड को, जिसमें हथियार और ग्रेनेड होते हैं, ड्रॉप कर देता है.

छोटे साइज और कम शोर वाले इंजन से बना ड्रोन रडार की पकड़ में भी आसानी से नहीं आता, जिस वजह से हमले के लिए कमर्शियल ड्रोन का इस्तेमाल करना आसान और अनुकूल भी है

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
आर्मी सूत्रों के मुताबिक हथियारों को लेने के लिए पहले से कुछ लोग मौजूद होते हैं, जिन्हें ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGW) कहा जाता है. हथियार मिलते ही ये ओवर ग्राउंड वर्कर्स उसे लेकर अपने निर्धारित इलाके में चले जाते हैं, जिसे आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाता है.

क्या होता है ड्रोन?

आजकल ड्रोन का इस्तेमाल दुनिया के सभी देश कर रहे हैं. हाल में हुए रूस-यूक्रेन युद्ध में आधुनिक ड्रोन का इस्‍तेमाल किया गया. ड्रोन एक तरह का फ्लाइंग रोबोट होता है, जिसे रिमोट से कंट्रोल किया जाता है. इसमें अलग-अलग किस्म के वजन लेने की क्षमता होती है, जो इसके डिजाइन और मॉडल पर निर्भर करता है.

छोटे ड्रोन में भी 8 इंजन हैं, वो 227 किलो तक पेलोड उठा सकते हैं, उनकी गति 129 किलोमीटर प्रति घंटे तक की हो सकती है और उन्हें 16 किलोमीटर रेंज में रिमोट कंट्रोल से उड़ाया जा सकता है. तेज स्पीड सिर्फ बड़े ड्रोन में नहीं है, बल्कि छोटे एरियल ड्रोन भी 3-5 मिनट की फ्लाइट में 129 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड पकड़ सकते हैं. ड्रोन जमीन पर चलने के साथ उड़ सकते हैं और वो अंडरवाटर आगे बढ़ कर फिर से फ्लाइट मोड में भी आ सकते हैं.

खुले मार्केट में सस्ते ड्रोन मौजूद है और यह कम वजन की चीजें ले जाने में सक्षम भी है. इसे चलाने के लिए कोई बड़ी ट्रेनिंग की जरूरत नहीं होती. हर कोई इस्तेमाल कर सकता है. जिस वजह से ये आतंकवादियों के लिए यह एक आसान और किफायती विकल्प बन जाता है. आतंकियों को ड्रोन लॉन्च करने के लिए किसी सुरक्षा एजेंसी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती.

क्या आसान है ड्रोन की मदद से अटैक?

ड्रोन हमले की सबसे बड़ी खासियत कम लागत का होना है. ड्रोन हमले के लिए थोड़े विस्फोटक और एक ऑफ-द-शेल्फ ड्रोन की जरूरत होती है, जिसकी लागत $1000 से $2000 के बीच है (उच्च तकनीक ड्रोन की). यहां तक की अंडरवाटर ड्रोन की कीमत भी मात्र $1000 से $4000 के बीच है. बाजार में उपलब्ध ₹1000 तक के ड्रोन से छोटा विस्फोट कराया जा सकता है, अगर टारगेट पर फ्यूल और विस्फोटक मौजूद हों तो इतने कम लागत में भी बड़ा विस्फोट किया जा सकता है.

पूर्व नौसेना टेस्ट पायलट कैप्टन केपी संजीव कुमार के क्विंट पर लिखे एक आर्टिकल के मुताबिक ड्रोन डिटेक्शन में कोई ठोस विजुअल,रडार, इंफ्रारेड या आवाज नहीं होती. ऐसे हमलों के लिए किसी इंफ्रास्ट्रक्चर या लॉन्च पैड की न्यूनतम जरूरत होती है. ड्रोन की मूवमेंट तकनीकी में भी पहले से कहीं ज्यादा प्रगति देखने को मिली है. वो जानवरों के मूवमेंट की नकल करने में सक्षम है और बायोमिमिकरी (प्रकृति की नकल) तकनीकी में भी. इस तरह ड्रोन जमीन ,पानी, हवा में बिना पता चले आगे बढ़ सकते हैं. इसके साथ ड्रोन के पावर सोर्स में तकनीकी प्रगति से वो तेज हवा में भी काफी ऊंचा और देर तक उड़ सकते हैं.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT