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बिरजू महाराज: घूंघरू की झनक पर दर्शकों का दिल जीत लेते थे, कोरियोग्राफी भी की

Pandit Birju Maharaj: 17 जनवरी 2022 को बिरजू महाराज ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था.

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p>मशहूर कथक डांसर बिरजू महाराज की 85वीं जयंती.</p></div>
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मशहूर कथक डांसर बिरजू महाराज की 85वीं जयंती.

(फोटोः अलटर्ड बाइ क्विंट)

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4 फरवरी, 1939 को लखनऊ में जन्में सुप्रसिद्ध कथक नर्तक बिरजू महाराज की आज 85वीं जयंती है. बिरजू महाराज एक ऐसी शख्सियत थे, जो घुंघरू की झंकार से दर्शकों का मन मोह लेते थे. जब बिरजू महाराज नृत्य करते थे, तब उनके घुंघरू भी बात किया करता था. ताल और घुंघरू का तालमेल करना एक नर्तक के लिए आम बात है, लेकिन घुंघरू की झनकार से दर्शकों को मनमोहित करने की जब बात होती है तो बिरजू महाराज का नाम सबसे पहले आता है. उन्होंने कथक को भारत सहित पूरे विश्व में एक अलग मुकाम पर पहुंचाया. इतना ही नहीं उन्होंने बॉलीवुड के एवरग्रीन एक्ट्रेस रेखा से लेकर माधुरी दीक्षित तक को भी अपने ताल पर थिरकाया. साथ ही कुछ बॉलीवुड फिल्मों में कोरियोग्राफी कर उन्हें एक नया रंग दिया. हालांकि 17 जनवरी, 2022 को बिरजू महाराज ने इस दुनिया को अलविदा कह गए.

बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1939 को उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था.  पंडित बिरजू महाराज लखनऊ के कत्थक के कालका-बिनदानिन घराने से ताल्लुक रखते थे.

(फोटोःट्विटर)

बरजू महाराज का शुरुआती नाम पंडित बृजमोहन मिश्रा था. हालांकि पहले इनका नाम ‘दुखहरण’ यानी दुखों को हरने वाला रखा गया था, लेकिन बाद में बदल कर ‘बृजमोहन नाथ मिश्रा’ कर दिया गया. नौ वर्ष की आयु में पिता के गुजर जाने के बाद परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई फिर भी उन्होंने अपने चाचा से कत्थक नृत्य प्रशिक्षण लेना शुरू किया था.

(फोटोःट्विटर)

नृत्य के साथ-साथ संगीत की दुनिया में भी बिरजू महाराज की पकड़ काफी अच्छी थी. बिरजू महाराज शानदार ड्रमर थे. तबला और नाल बजाने का उन्हें काफी शौक था. तार वाद्य, सितार, सरोद, वायलिन, सारंगी बजाने में उनका कोई तोड़ नहीं था. हालांकि इसके लिए उन्होंने कभी कोई प्रशिक्षण नहीं लिया.

(फोटोःट्विटर)

उन्होंने कई बॉलीवुड अभिनेत्रियों को भी अपनी ताल पर थिरकाया. इन्होंने न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में कत्थक को एक नई पहचान दिलाई. साथ ही कुछ बॉलीवुड फिल्मों में कोरियोग्राफी कर उन्हें एक नया रंग दिया.

(फोटोःट्विटर)

बिरजू महाराज ने सत्यजीत राय की 'शतरंज के खिलाड़ी' से लेकर 'उमराव जान', 'दिल तो पागल है', 'गदर', 'देवदास', 'डेढ़ इश्किया', 'बाजीराव मस्तानी' जैसी कई फिल्मों में नृत्य निर्देशन किया था.  बाजीराव मस्तानी के 'मोहे रंग दो लाल' गाने की कोरियाग्राफी के लिए उन्हें फिल्मफेयर पुरस्कार से भी नवाजा गया था. 

(फोटोःट्विटर)

माधुरी दीक्ष‍ित और पंड‍ित ब‍िरजू महाराज का नृत्य से अटूट संबंध था. माधुरी ने ब‍िरजू महाराज से नृत्यकला सीखी और उनकी इसी प्रतिभा ने आज उन्हें डांस‍िंग क्वीन बनाया है. माधुरी के बारे में ज‍ितनी तारीफ ब‍िरजू महाराज करते थे, उतना ही सम्मान माधुरी ब‍िरजू महाराज का करती थीं. माधुरी ने एक मंच पर कहा था- महाराज जी का सेंस ऑफ ह्यूमर कमाल का है. जब उन्होंने 'काहे छेड़ छेड़ मोहे...' के लिए कोर‍ियाग्राफी की, तो मुद्रा, अभ‍िनय, बॉडी लैंग्वेज, सब इतना लाजवाब था कि जब मैं सेट पर पहुंची तो ऐसा लगा जैसे मैं स्वर्ग में हूं. मुझे लगता है उनकी कला इंद्रधनुष की तरह 'सप्तरंगी' है जिसमें सारे नवरस हैं. ये बहुत प्रेरणादायक और कभी अंत ना होने वाला एहसास है. 

(फोटोःइंस्टाग्राम)

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ब‍िरजू महाराज ने साउथ सुपरस्टार कमल हासन को भी नृत्य सिखाया था. विश्वरूपम फिल्म जिसमें कमल हासन को बिरजू महाराज ने नृत्य सिखाया था. इस फिल्म में कमल हासन ने बेहतरीन डांस पेश किया था और इस लाजवाब परफॉर्मेंस के पीछे पंड‍ित ब‍िरजू महाराज का हाथ था. इस कोरियोग्राफी के लिए बिरजू महाराज को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

(फोटोःट्विटर)

साल 1981 में रेखा की फिल्म उमराव जान रिलीज हुई थी जिसे काफी पसंद किया गया था. बिरजू महाराज ने इस फिल्म के कई गानों को कोरियोग्राफ किया था. 

(फोटोःअलटर्ड बाइ क्विंट)

नृत्य के अलावा पंड‍ित ब‍िरजू महाराज ने अपनी आवाज से भी लोगों को मंत्रमुग्ध किया. ब‍िरजू महाराज ने सत्यजीत रे की पहली हिंदी फिल्म 'शतरंज के ख‍िलाड़ी' क्लास‍िकल डांस सीक्वेंस 'कान्हा मैं तोसे हारी' का गाना कंपोज किया था और इसमें अपनी आवाज भी दी थी. इस गाने में ब‍िरजू महाराज की छात्रा सास्वती सेन कथक  नृत्यांगना के रूप में नजर आई थीं. 

(फोटोःट्विटर)

साल 2001 में सनी देओल और अमीषा पटेल स्टारर फिल्म गदर: एक प्रेम कथा रिलीज हुई थी, जो सुपरहिट साबित हुई. इस फिल्म के गाने 'आन मिलो सजना' को पंडित बिरजू महाराज ने कोरियोग्राफ किया था.

(फोटो: birjumaharaj-kalashram.com)

साल 2002 में रिलीज हुई फिल्म देवदास के आइकॉनिक गाने 'काहे छेड़ छेड़ मोहे' को कोरियोग्राफ किया था. इस फिल्म में शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित और ऐश्वर्या राय बच्चन मुख्य भूमिकाओं में थीं.

(फोटोःट्विटर)

आल‍िया भट्ट ने फिल्म कलंक के लिए पंड‍ित ब‍िरजू महाराज से दो महीने का नृत्य प्रश‍िक्षण लिया था. ब‍िरजू महाराज ने चेहरे पर डांस के साथ एक्सप्रेशन लाने में बहुत मदद की. आल‍िया ने फिल्म में घर मोरे परदेस‍िया के लिए ये ट्रेन‍िंग ली थी जिसकी शूट‍िंग से एक हफ्ते पहले उन्होंने ब‍िरजू महाराज से हाव भाव के लिए सलाह-मशव‍िरा भी लिया था. 

(फोटोःट्विटर)

ब‍िरजू महाराज को साल 1983 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया था. उन्हें सगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड और कालिदास सम्मान से नवाजा गया था. बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और खैरागढ़  विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि भी दी थी. फिल्म 'विश्वरूपम्' में बेस्ट कोरिओग्राफी के लिए नेशनल अवॉर्ड दिया गया था.

(फोटोःट्विटर)

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