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क्या परांठा और रोटी में इतना अंतर है कि इन पर टैक्स रेट अलग हो? शायद हां, क्योंकि अब से परांठा और रोटी पर अलग-अलग GST लगने जा रहा है. अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग (कर्नाटक बेंच) ने कहा है कि परांठा पर रोटी से तीन गुना से भी ज्यादा टैक्स लगेगा.. मतलब कि अब रोटी पर तो 5% GST लगेगा लेकिन परांठा पर 18% GST लगा करेगा.
ये आदेश एक रेडी-टू-कुक मील बनाने वाली कंपनी की याचिका के बाद आया है. कंपनी ने अलग-अलग तरह के परांठा पर GST रेट पर स्पष्टीकरण मांगा था.
अपने आदेश में अथॉरिटी फॉर एडवांस रूलिंग ने कहा कि रोटी पहले से ही बनी या पूरी तरह पका हुआ मील है, लेकिन परांठा को खाने से पहले गरम करना पड़ता है. इस आदेश के बाद से ट्विटर पर '18% GST' ट्रेंड कर रहा है. नेताओं से लेकर बिजनेसमैन तक, इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
जर्नलिस्ट एमके वेणु ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि 'ब्यूरोक्रेट्स इस तरह टैक्स सिस्टम को नुकसान पहुंचाते हैं."
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा है.
तक्षशिला इंस्टीटूशन के डायरेक्टर नितिन पई ने कहा कि हमारी टैक्स अथॉरिटी 'रहस्यमय' ढंग से काम करती हैं.
सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले इंडस्ट्रियलिस्ट आनंद महिंद्रा ने इस मामले में एक अलग ही 'एंगल' बताया है. उनका कहना है कि भारतीय जुगाड़ से कुछ ऐसा करेंगे, जिससे एक नया टैक्स चैलेंज खड़ा हो जाएगा.
महिंद्रा ने लिखा, "देश इस समय कई संकटों से जूझ रहा है और ऐसे में आपको लगता है कि क्या हमें 'परांठा' के बारे में सोचना चाहिए. कोई भी मामला हो, भारतीयों को जुगाड़ सिस्टम ऐसा है कि मुझे विश्वास है कि जल्द ही 'परोटी' की एक नई नस्ल आ जाएगी और ये किसी भी वर्गीकरण को चुनौती देगी."
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