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संसद (Parliament Security Breach) में घुसे चार आरोपियों ने कलर स्प्रे करने के अलावा कई नारे भी लगाए थे और वे सभी बेरोजगार बताए जा रहे हैं. उनके माता-पिता का भी कहना है कि वे पढ़ें-लिखे हैं लेकिन उनके पास नौकरी नहीं है जिससे वे काफी परेशान है. कुछ विपक्षी सासंदों ने भी उनके समर्थन में बेरोजगारी का मुद्दा उठाया है, हालांकि इन सासंदों ने संसद में इस तरह घुसने को लेकर आपत्ति भी जताई है.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, "बेरोजगारी इस हमले के पीछे एक वजह है. रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं. मैं किसी का समर्थन नहीं करता. लेकिन वो जो कह रहे हैं कि बेरोजगारी है, हमारा पेट पालना मुश्किल है. यहीं बात हम कर रहे हैं. सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा था बाहर का गुस्सा अंदर मत लाना. देखिए हम लोग नहीं लाए लेकिन आम जनता उनका गुस्सा सदन के अंदर लाने की कोशिश कर रही है. हमें सोचना चाहिए क्यों ऐसा हो रहा है?"
आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि उन्होंने कानून का उल्लंघन किया है. लेकिन इसे दूसरे नजरिए से देखें तो ये विरोध जो हुआ है. उसमें नीलीमा ने बयान दिया है कि वो काफी पढ़ी-लिखी है लेकिन उसके पास नौकरी नहीं है, मतलब वो काफी परेशान है. देश की जो हालत है, युवाओं में जो गंभीर असंतोष पैदा हो रहा है ये एक संकेत है. वे लोग हिंसा की मंशा से तो नहीं आए थे.
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