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संसद सुरक्षा चूक: "रास्ता अलग लेकिन बेरोजगारी मुद्दा सही है", क्या बोला विपक्ष?

Parliament Security Breach: इसमें कोई संदेह नहीं है कि उन्होंने कानून का उल्लंघन किया है, लेकिन इसका दूसरा नजरिया भी है - शिवानंद तिवारी

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<div class="paragraphs"><p>लोकसभा की सुरक्षा में बड़ी चूक, कार्यवाही के दौरान दो युवक कूदे- गैस फेंकी, नारे लगाने का आरोप</p></div>
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लोकसभा की सुरक्षा में बड़ी चूक, कार्यवाही के दौरान दो युवक कूदे- गैस फेंकी, नारे लगाने का आरोप

(फोटो- पीटीआई)

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संसद (Parliament Security Breach) में घुसे चार आरोपियों ने कलर स्प्रे करने के अलावा कई नारे भी लगाए थे और वे सभी बेरोजगार बताए जा रहे हैं. उनके माता-पिता का भी कहना है कि वे पढ़ें-लिखे हैं लेकिन उनके पास नौकरी नहीं है जिससे वे काफी परेशान है. कुछ विपक्षी सासंदों ने भी उनके समर्थन में बेरोजगारी का मुद्दा उठाया है, हालांकि इन सासंदों ने संसद में इस तरह घुसने को लेकर आपत्ति भी जताई है.

जनता सदन के अंदर गुस्सा ला रही

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, "बेरोजगारी इस हमले के पीछे एक वजह है. रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं. मैं किसी का समर्थन नहीं करता. लेकिन वो जो कह रहे हैं कि बेरोजगारी है, हमारा पेट पालना मुश्किल है. यहीं बात हम कर रहे हैं. सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री ने कहा था बाहर का गुस्सा अंदर मत लाना. देखिए हम लोग नहीं लाए लेकिन आम जनता उनका गुस्सा सदन के अंदर लाने की कोशिश कर रही है. हमें सोचना चाहिए क्यों ऐसा हो रहा है?"

सरकार तो मुंह बंद करके बैठी है. 22 साल पहले इससे भी भयंकर हादसा हुआ था और हमको कहा गया था कि ये नया सदन फुल प्रूफ सिक्योरिटी से लैस है. कल हमने क्या देखा. 2-4 लड़के अंदर घुस गए, महंगाई और बेरोजगारी के बारे में नारे लगाते हुए अंदर चले गए. यह ठीक नहीं है. देश के युवाओं की दिशा बदल रही है, वो निराश हैं. इसके लिए सरकार जिम्मेदार है. लेकिन सरकार सभी राज्यों में शपथ ग्रहण समारोह में व्यस्त है. देश की सुरक्षा से खिलवाड़ हुआ है और यह कोई बर्दाश्त नहीं करेगा.
संजय राउत, सांसद, शिवसेना (UBT)

'वे लोग हिंसा की मंशा से नहीं आये थे'

आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि उन्होंने कानून का उल्लंघन किया है. लेकिन इसे दूसरे नजरिए से देखें तो ये विरोध जो हुआ है. उसमें नीलीमा ने बयान दिया है कि वो काफी पढ़ी-लिखी है लेकिन उसके पास नौकरी नहीं है, मतलब वो काफी परेशान है. देश की जो हालत है, युवाओं में जो गंभीर असंतोष पैदा हो रहा है ये एक संकेत है. वे लोग हिंसा की मंशा से तो नहीं आए थे.

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