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"ये विशेष सत्र नहीं, ज्योतिषी ने कह दिया होगा तो बुला लिया"- RJD सांसद मनोज झा का तंज

Parliament Special Session: विशेष सत्र के दौरान संसद के 75 साल के सफर पर चर्चा की जाएगी.

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"ये विशेष सत्र नहीं, ज्योतिषी ने कह दिया होगा तो बुला लिया"- RJD सांसद मनोज झा का तंज

(फोटोः संसद टीवी)

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"ये विशेष सत्र नहीं, ज्योतिषी ने कह दिया होगा तो बुला लिया"- RJD सांसद मनोज झा का तंज

संसद के विशेष सत्र को बुलाए जाने पर RJD सांसद मनोज झा ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि "ये विशेष सत्र है ही नहीं. किसी ज्योतिषी ने कह दिया होगा और प्रधानमंत्री जी इन सब पर बहुत यकीन करते हैं, तो ले आए. जो नॉर्मल बिल हैं, जो शीतकालीन सत्र तक इंतजार कर सकते थे, आप उसको भी ला रहे हैं."

उन्होंने आगे कहा कि...

"मसलन चुनाव आयोग. आप तो लोकतंत्र के जब्ह (गला काटना) का बिल लेकर आ रहे हैं. आप ये ना कहिए कि हमारा कोई एजेंडा नहीं है. एजेंडा बहुत साफ है. इसके अलावा और क्या-क्या एजेंडा है, वो हम देखना चाहेंगे, विशेष नाम का यहां कुछ नहीं है."

"बदलना है तो देश के हालात बदलो, नाम बदलने से क्या होता है"- संसद में खड़गे का तंज

संसद के विशेष सत्र के पहले दिन दोनों सदनों में पुराने संसद भवन को लेकर सासंद अपनी यादें साझा कर रहे हैं. सोमवार, 18 सितंबर को ससंद की पुरानी इमारत में आखिरी कार्यवाही की जा रही है. मंगलवार, 19 सितंबर से सदन की कार्यवाही नए संसद भवन में होगी. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मौके पर मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि बदलना है तो देश के हालात बदलो, ऐसे नाम बदलने से क्या होता है?

राज्यसभा में भाषण देते हुए खड़गे ने कहा कि...

“इन 75 साल में हमने बहुत कुछ देखा और सीखा. मैंने 52 साल यहां बिताए हैं. ये भवन आजाद भारत के सभी बड़े फैसलों का गवाह है. इस भवन में संविधान सभा 165 दिन बैठी. संविधान बनाया जो 26 जनवरी 1950 में लागू हुआ. जब 26 नवंबर को 1949 को संविधान सभा की बहस को सुनने के लिए करीब 53 हजार लोग आए थे. संविधान सभा के 11 दौर की बैठकों के व्यवधान रहित संचालन को आदर्श संचालन माना गया था. वो ऐसा एक वक्त था जब सबको लेकर चला जाता था. आप लोगों ने भी उसे आदर्श संचालन माना था, उस समय देश के प्रधानमंत्री नेहरू जी थे."

खड़गे ने आगे कहा कि “मैं अपनी बात रखने के लिए थोड़े शब्दों में कुछ कहना चाहता हूं- “बदलना है तो अब हालात बदलो, ऐसे नाम बदलने से क्या होता है? देना है तो युवाओं को रोजगार दो सबको बेरोजगार करके क्या होता है? दिल को थोड़ा बड़ा करके देखो लोगों को मारने से क्या होता है? कुछ कर नहीं सकते तो कुर्सी छोड़ दो बात-बात पर डराने से क्या होता है? अपनी हुक्मरानी पर तुम्हें गुरूर है लोगों को डराने-धमकाने से क्या होता है?”

संसद का विशेष सत्र (Parliament Special Session) अब कुछ देर में शुरू होने ही वाला है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) संसद पहुंच चुके हैं. उन्होंने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा है कि भारत ग्लोबल साउथ की आवाज बना है. अफ्रीकन यूनियन को G20 में स्थायी सदस्यता दिलाई है. चांद पर हमारा तिरंगा लहरा रहा है.

विशेष सत्र शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा

संसद के विशेष सत्र की शुरुआत से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अब सभी फैसले नए संसद भवन में होंगे. इस दौरान पीएम मोदी ने चंद्रयान की सफलता का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि "चंद्रयान-3 ने हमारा तिरंगा फहरा दिया है, शिव शक्ति प्वाइंट प्रेरणा का नया केंद्र बन गया है, तिरंगा प्वाइंट हमें गर्व से भर रहा है.' जब ऐसी कोई उपलब्धि हासिल होती है तो दुनिया उसे आधुनिकता, विज्ञान और तकनीक से जोड़कर देखती है. जब ये क्षमता दुनिया के सामने आती है तो कई अवसर और संभावनाएं भारत के दरवाजे पर दस्तक देती हैं."

बता दें कि संसद का ये विशेष सत्र 22 सिंतबर 2023 तक चलेगा. इस के दौरान 8 बिलों पर चर्चा की जाएगी. सुबह 11 बजे से सत्र की शुरूआत होगी. लोकसभा में पीएम मोदी और राज्यसभा में पीयूष गोयल सदन को संबोधित कर सकते हैं. विशेष सत्र के दौरान संसद के 75 साल के सफर पर चर्चा की जाएगी. संसद के अनुभव, यादों और संसद से क्या-क्या सीखा इस विषय पर बातचीत होगी.

संसद का विशेष सत्र शुरू

संसद के विशेष सत्र की शुरुआत हो गई है. पीएम मोदी समेत विपक्ष गठबंधन के तमाम सांसद सदन में मौजूद हैं. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी संसद के विशेष सत्र के लिए संसद पहुंच गए हैं. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जी20 सम्मेलन के सफल आयोजन की बधाई देते हुए सत्र की शुरूआत की. इसी के साथ लोकसभा में हंगामा भी शुरू हो गया. विपक्षी पार्टी ने केंद्र पर माइक बंद करवाने का आरोप लगाया है.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के बाद पीएम मोदी ने सदन को संबोधित किया. उन्होंने कहा, "नए संसद भवन में जाने से पहले देश के संसद की 75 साल की यात्रा का स्मरण कर लेते हैं. हम सब इस एतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं. इसमें देशवासियों का पसीना लगा है. आज़ादी के पहले यह सदन इंपीरियल लेजिस्लेटिव काउंसिल का स्थान हुआ करता था. आजादी के बाद इस भवन को संसद भवन की पहचान मिली. संसद का पुराना भवन आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा देगा."

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किन विधेयकों पर होगी चर्चा?

संसद के विशेष सत्र के दौरान मुख्य रूप से 8 विधेयकों पर चर्चा होगी. जिनमें चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति समेत प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल शामिल हैं. आइए उन 8 विधेयकों के बारे में जानते हैं.

  1. मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन से जुड़ा बिल

  2. अधिवक्ता संशोधन बिल

  3. प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल

  4. पोस्ट ऑफिस बिल

  5. वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण पर एक विधेयक

  6. SC/ST आदेश से संबंधित तीन विधेयकों पर भी चर्चा होगी.

  7. महिला आरक्षण बिल

  8. निरसन एवं संशोधन विधेयक 2023

ये सत्र पांच दिनों तक चलेगा यानी 18 सितंबर 2023 से 22 सितंबर 2023 तक. इसमें 5 बैठकें होंगी. सत्र के पहले दिन की कार्यवाही पुरानी संसद में संचालित की जाएगी. इसके बाद 19 सितंबर से नई संसद में मूव किया जाएगा, जहां शेष 4 दिनों तक चर्चा होगी.

विपक्ष की मांग   

5 सितंबर को विपक्षी पार्टी के गठबंधन INDIA ने विशेष सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों का चुनाव करने के लिए बैठक की थी. इस बैठक में विपक्षी गठबंधन द्वारा सरकार से सवाल-जवाब करने के लिए 9 मुद्दों की लिस्ट तैयार की गई. इसमें महिला आरक्षण विधेयक विपक्ष का अहम मुद्दा है.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, "कांग्रेस पार्टी पिछले नौ साल से मांग कर रही है कि महिला आरक्षण विधेयक, जो पहले ही राज्यसभा से पारित हो चुका है, उसे लोकसभा से भी पारित कराया जाना चाहिए. महिलाओं के लिए संसद और राज्यों की विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह संविधान संशोधन विधेयक लाए. विधेयक 9 मार्च 2010 को राज्यसभा में पारित हुआ लेकिन लोकसभा में नहीं ले जाया जा सका."

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष से अनुरोध करते हुए विशेष सत्र में शामिल होने के लिए कहा है. उन्होंने कहा, "कल सर्वदलीय बैठक में विपक्ष के एजेंडे के स्पष्टीकरण की मांग को स्पष्ट कर दिया गया है. हमने पहले ही अपने एजेंडे की घोषणा कर दी है. मैं उनसे संसद की यात्रा में शामिल होने का अनुरोध करता हूं."

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने नए संसद भवन में तिरंगा फहराया

संसद का विशेष सत्र शुरू होने से एक दिन पहले उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने रविवार 17 सितंबर को नए संसद भवन में तिरंगा फहराया. इससे पहले, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के संसदीय ड्यूटी ग्रुप ने धनखड़ और बिड़ला को ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया.

इस मौके पर राज्यसभा सभापति के अलावा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी, केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन, पीयूष गोयल, अर्जुन राम मेघवाल, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी और प्रमोद तिवारी मौजूद रहे.

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Published: 18 Sep 2023,08:37 AM IST

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