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संसद का आगामी मॉनसून सत्र 15 अगस्त के बाद शुरू हो सकता है. कोरोना वायरस संकट को ध्यान में रखते हुए यह सत्र छोटा और डिजिटल-फिजिकल हाइब्रिड हो सकता है.
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने मामले की जानकारी रखने वाले अधिकारियों के हवाले से बताया है कि कुछ सदस्य दोनों सदनों में बैठ सकते हैं - सोशल डिस्टेंसिंग के साथ निर्दिष्ट सीटों पर, और पहली मंजिल पर अलग-अलग गैलरी में - बाकी संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग से डिजिटल तरीके से कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं.
एक अधिकारी ने बताया, ''(इस सत्र में) ज्यादा कामकाज नहीं होगा. सरकार की प्राथमिकता पिछले कुछ महीनों में घोषित किए गए अध्यादेशों को क्लियर करने की होगी. विपक्ष COVID महामारी और भारत-चीन सीमा विवाद पर बहस के लिए दबाव डाल सकता है.''
राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने मॉनसून सत्र के दौरान उच्च सदन की कार्यवाही आयोजित करने के लिए कई विकल्पों को लेकर 3 जुलाई को अधिकारियों के साथ चर्चा की.
अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए मुख्य हॉल और गैलरी में केवल 127 सदस्यों के बैठने की ही व्यवस्था हो सकती है. एक अधिकारी ने बताया कि बाकी सदस्यों के लिए सेंट्रल हॉल या बालयोगी सभागार से डिजिटल तरीके से शिरकत करने का प्रावधान रखा जा सकता है.
लोकसभा सचिवालय ने 3 जुलाई को संसदीय समितियों की बैठकें, संसद भवन में सदस्यों की मौजूदगी और कुछ पाबंदियों के साथ करने के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए. दिशा निर्देशों में कहा गया है, ‘‘एक जुलाई से लॉकडाउन में दी गई और ढील के साथ अब संसदीय समितियों की बैठकें कुछ पाबंदियों के साथ की जा सकती हैं.’’
सचिवालय ने कहा है
संसदीय समितियों की बैठकों को, संसद को सदस्यों की मौजूदगी के साथ मॉनसून सत्र के लिए तैयार करने की कवायद माना जा रहा है.
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