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जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी (Peoples Democratic Party) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mahbooba Mufti) ने टी20 विश्व कप क्रिकेट मैच में भारत पर पाकिस्तान की जीत का कथित रूप से जश्न मनाने के लिए आगरा में तीन कश्मीरी छात्रों की गिरफ्तारी के संबंध में पीएम मोदी को पत्र लिखा है.
उन्होंने लिखा कि हम जम्मू-कश्मीर के लोगों, विशेष रूप से युवाओं के लिए अच्छी पॉलिसी का इंतजार कर रहे थे, जबकि छापेमारी, गिरफ्तारी, हत्याओं का सिलसिला बेरोकटोक जारी है. दमन का स्तर और राज्य की असहिष्णुता एक नए निचले स्तर पर पहुंच गई है.
ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि हाल ही में गृह मंत्री की जम्मू-कश्मीर यात्रा सार्थक सिद्ध होगी, इसके बजाय जो हुआ वह चौंकाने वाला और चिंताजनक था. भारत और पाकिस्तान के बीच एक दोस्ताना क्रिकेट मैच था, जो लगातार लॉकडाउन, इंटरनेट गैग और आवाजाही पर प्रतिबंध से परेशान लोगों के लिए मनोरंजन का एक स्रोत था.
लेकिन इस मैच के बाद युवाओं पर सिर्फ इसलिए UAPA लगाया गया कि वो पाकिस्तान की जीत पर खुश थे.
हमारे युवा एमबीबीएस जैसे प्रोफेशनल कोर्स कर रहे हैं और उन पर एंटी-टेरर लॉ लगा दिया गया है. आगरा में तीन कश्मीरी छात्रों को गिरफ्तार किया गया है और उनपर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है. यह कॉलेज के ये मानने के बाद भी हुआ कि वे किसी भी ऐसी गतिविधि का हिस्सा नहीं थे, जिसे राष्ट्रविरोधी माना जा सकता है.
इस मामले में पत्र लिखने से पहले महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने यूपी सरकार की इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए ट्वीट भी किया था. उन्होंने अपने ट्वीट में कोहली और रिजवान के साथ बातचीत की फोटो शेयर करते हुए लिखा था कि पाकिस्तान की जीत पर खुशी जाहिर करने वाले कश्मीरियों के खिलाफ इतना गुस्सा क्यों? कुछ लोग तो ऐसे नारे भी लगाते रहे हैं कि देश के गद्दारों को, गोली मारो...कोई भी यह नहीं भुला सकता कि जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीने जाने के बाद मिठाइयां बांटकर कितने लोगों ने जश्न मनाया था. विराट कोहली की तरह इसे भी समझें, जिन्होंने सबसे पहले पाकिस्तानी टीम को जात की बधाई दी.
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