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सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Snoopgate) में स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पेगासस जासूसी केस की जांच तीन सदस्यीय कमेटी करेगी. कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए ये भी कहा कि लोगों की जासूसी किसी भी कीमत पर मंजूर नहीं की जा सकती.
पेगासस जासूसी मामले पर लगातार केंद्र सरकार को घेरने वाले विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. वहीं, बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इसे मोदी सरकार के लिए ज्यादा नुकसानदेह बताया है.
कई मामलों पर अपनी ही सरकार की आलोचना करने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, "पेगासस जासूसी मामले पर सुप्रीम कोर्ट का कमेटी गठित करना वॉटरगेट की तरह है. 'कवर अप' मोदी सरकार के लिए उस पारदर्शिता से ज्यादा नुकसानदेह होगा, जिसे सरकार अब तक प्रदर्शित करने में विफल रही है. मेरी सलाह: अपना नुकसान कम करें."
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे सच की जीत बताते हुए लिखा, "मोदी सरकार द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर ध्यान भटकाने की शर्मनाक कोशिशों के बावजूद स्पाइवेयर पेगासस के दुरुपयोग की जांच के लिए कमेटी गठित करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत है. सत्यमेव जयते!"
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए लिखा, "ये सिर्फ निजता के हनन का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ का मामला है. सुप्रीम कोर्ट की जांच से सच सामने आएगा और मोदी सरकार की अलोकतांत्रिक गतिविधियां देश के सामने उजागर होंगी."
यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने भी इसे सच की जीत बताते हुए लिखा, "सत्यमेव जयते."
तृणमूल कांग्रेस (TMC) नेता साकेत गोखले ने लिखा, "माननीय सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि केंद्र सरकार ने एक बार भी पेगासस के इस्तेमाल से इनकार नहीं किया है. ये ठीक वही है जो विपक्ष संसद में पूछ रहा था - प्लीज पुष्टि करें या इनकार करें कि क्या पेगासस का उपयोग किया गया था. सरकार संसद में अपनी गंदी रणनीति पर बेनकाब हो गई है."
कांग्रेस प्रवक्ता उदित राज ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार लगातार इस मामले को छिपाने की कोशिश कर रही थी.
सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है और जांच करने के लिए 8 हफ्ते का समय दिया है. इस कमेटी की निगरानी सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज आर.वी. रवींद्रन करेंगे और पूर्व आईपीएस अधिकारी आलोक जोशी और डॉ संदीप ओबेरॉय भी इस कमेटी का हिस्सा होंगे.
इजरायली स्पाईवेयर पेगासस के जरिए भारत के कई नेताओं, पत्रकार, समाजिक कार्यकर्ताओं के कथित जासूसी का मामला सामने आया था. एक इंटरनेशनल पड़ताल में दावा किया गया है कि राहुल गांधी, प्रशांत किशोर, पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा - सभी पेगासस के रडार पर थे. भारत के 40 पत्रकारों के फोन में झांका गया था, यहां तक कि मोदी सरकार के 2 मंत्री भी घेरे में थे.
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