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आलू किसानों से जंग हारी पेप्सिको,मुकदमा लिया वापस 

पेप्सिको ने किसानों पर पेटेंट उल्लंघन का आरोप लगाया था लेकिन अब मुकदमा वापस लिया

क्‍व‍िंट हिंदी
भारत
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पेप्सिको ने आलू किसानों के खिलाफ मुकदमा वापस लिया
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पेप्सिको ने आलू किसानों के खिलाफ मुकदमा वापस लिया
फोटो : द क्विंट 

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पेप्सिको ने आलू किसानों पर किया गया मुकदमा वापस ले लिया है. पेप्सिको ने चार किसानों पर पेटेंट के उल्लंघन का आरोप लगाया था. इस मामले में सोशल मीडिया पर बहिष्कार की अपील के बाद कंपनी ने किसानों से कोर्ट के बाहर समझौते का प्रस्ताव दिया था. लेकिन इस मामले में बढ़ते दबाव के बाद अब कंपनी ने मुकदमा वापस ले लिया है.

पेप्सिको ने ये मुकदमा कॉपीराइट उल्लंघन का आरोप लगाते हुए साबरकांठा और अरावली के किसानों पर  मुकदमा किया था. कंपनी का दावा था कि आलू की इस किस्‍म (FL-2027) से वो Lays ब्रांड के चिप्‍स बनाती है और इसे उगाने का उसके पास पेटेंट राइट है.
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अदालतों में पहुंचा मामला

पेप्सिको ने इन चारों किसानों के खिलाफ गुजरात के अहमदाबाद और मोडासा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में केस किया था. मोडासा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में पेप्सिको ने इन किसानों से 20 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की थी और अहमदाबाद के कोर्ट में 1 करोड़ रुपये की. 8 अप्रैल को पेप्सिको के मुकदमे के बाद कोर्ट ने किसानों पर आलू उगाने की रोक लगा दी थी और एक कमिश्नर की नियुक्ति कर उसे इस मामले में जांच करने और आलू के सैंपल लेकर सरकारी लैब में जमा करा कर रिपोर्ट जमा कराने के निर्देश दिए थे. इस पर 26 अप्रैल को सुनवाई हुई.कोर्ट ने पाया कि जो आलू किसान उगा रहे थे और जो कंपनी Lays चिप्स बनाने में इस्तेमाल करती है उनका डीएनए एक ही है.

पेप्सिको ने अदालत से बाहर समझौते की शर्त रखी थी

कोर्ट में कंपनी ने सुनवाई के दौरान कहा था कि ये मामला सुलझाया जा सकता है और किसानों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है अगर वो कंपनी से लाइसेंस लेकर इसकी खेती करें. साथ ही पेप्सिको ने शर्त भी रखी थी कि सभी किसान ‘कंपनी से ही बीज खरीदेंगे और उसके बाद उपज को भी कंपनी को उन शर्तों के आधार बेचेंगे जो कंपनी गुजरात के किसानों को दे रही है.’’किसानों के वकील आनंदवर्धन याग्निक ने जवाब देने के लिए 12 जून तक का वक्त मांगा था.

क्या है पूरा मामला?

पेप्सिको इंडिया कंपनी ने प्रोटेक्‍शन ऑफ प्‍लांट वैराइटी एंड फार्मर्स राइट एक्‍ट, 2001 के तहत FL 2027 किस्‍म को साल 2012 में पंजीकृत कराया था. कंपनी ने आरोप लगाया थाा कि गुजरात के चार किसान पंजाब के किसानों से बीज खरीदकर अवैध तरीके से इसकी खेती कर रहे हैं. पंजाब के किसानों के पास ये आलू उगाने का लाइसेंस है और पेप्सिको के साथ उनका समझौता है. ऐसे में किसानों की ओर से इसे उगाकर बेचना गैरकानूनी है.

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