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फरवरी का महीना दो लोगों के लिए काफी खास होता, एक तरफ वैलेंटाइन डे सेलिब्रेट करने वाले लव बर्ड्स के लिए और दूसरे जॉब वालों के लिए. वैलेंटाइन में गिफ्ट देना होता है, मतलब खर्चे का घर. लेकिन जॉब वालों के लिए खर्चे नहीं पैसे आने की तैयारी का महीना होता है. मतलब बेहतर सैलरी की तरफ एक कदम बढ़ने की उम्मीद. दरअसल फरवरी के महीने में कई प्राइवेट ऑफिस अपने कर्मठ और जुझारू एम्प्लॉई के लिए सैलरी बढ़ाने का मौका लेकर आती है. यानी अप्रेजल फॉर्म भरना होता है.
यही वो मौका होता है, जब कोई अपने कामों को सही तरीके से प्रजेंट कर तरक्की की राह आसान कर सकता है. ऐसे में प्रमोशन और सैलरी में बढ़ोतरी के लिए ये जानना जरूरी है कि आप अपने बॉस को कैसे इम्प्रेस करें.
अप्रेजल फॉर्म भरने के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती, इस बारे में हम कुछ जरूरी टिप्स दे रहे हैं.
अप्रेजल फॉर्म भरने से पहले आप उन सारे जरूरी कामों की लिस्ट बनाएं, जिन्हें आपने बेहतर तरीके से पूरे किए हों. एक-एक कर सब पर विचार करें. इसके बाद फॉर्म के जिस पार्ट में उन कामों का ब्योरा मांगा गया हो, वहां सबसे पहले ज्यादा महत्व वाले कामों का जिक्र करें. कम महत्व की चीजों का जिक्र लिस्ट में नीचे करना ठीक रहता है. साथ ही इस बात का भी खयाल रखें कि कुछ भी बढ़ा-चढ़कार न लिखा गया हो.
अप्रेजल फॉर्म में कई लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी सेल्फ रेटिंग वाले कॉलम भरने में होती है. ज्यादातर कंपनियां के फॉर्म में एक कॉलम होता है, जिसमें कई पैमानों पर कर्मचारियों से अपने लिए रेटिंग (A/AA/AAA/AAAA) करने को कहा जाता है. दूसरे कॉलम में उन्हीं पैमानों पर टीम मैनेजर को भी एंप्लाइज को ग्रेड देना होता है.
कई बार लोग उलझन में पड़ जाते हैं कि अपनी रेटिंग हाई की जाए या फिर कॉलम को पूरी ईमानदारी से भरा जाए.
लेकिन सभी पैमानों की ग्रेडिंग करते समय संतुलन जरूर बिठाया जाना चाहिए, जिससे ये बनावटी न लगे.
फॉर्म में जितनी बातें लिखी गई हों, उनसे आपका पॉजिटिव नजरिया झलकना बेहद जरूरी है. मैनेजमेंट से बातचीत के दौरान आप पूरी ईमानदारी से अपनी कमियों का जिक्र कर सकते हैं.
वैसे फॉर्म के ज्यादातर कॉलम में उन्हीं कामों का जिक्र करना होता है, जिन्हें आपने पूरे साल किए हैं. लेकिन कुछ स्पेशल प्लान तैयार कर सही जगह पर उनका जिक्र जरूर करें, जिन्हें आप आने वाले दिनों में अंजाम देना चाहते हों. उन कामों की जिम्मेदारी आपको दी जाएगी या नहीं, ये अलग बात है. लेकिन कम से कम इतना तो जाहिर होगा कि आपके पास भविष्य को लेकर कुछ योजनाएं हैं.
फॉर्म में जितनी बातें लिखें, साफ-साफ लिखें. लिखी बातों को काट-पीट करने या ओवरराइटिंग से बचें. जहां जरूरी हो, व्हाइटर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
सबसे अच्छा तरीका ये है कि जो कुछ लिखना हो, पहले उसे किसी दूसरे कागज पर रफ कर लें. इसके बाद सावधानी के साथ फॉर्म भरें. ऑनलाइन फॉर्म भरते वक्त भी स्पेलिंग आदि का खास खयाल रखें. अगर ऑनलाइन फॉर्म जमा करना है तो हैंडराइटिंग की दिक्कत नहीं है. लेकिन फिर भी ग्रामर, भाषा और लंबे शब्दों से बचें. कम बातों में अपनी काम की बात लिखें.
फॉर्म के किसी भी कॉलम में या मैनेजमेंट से बातचीत के दौरान, अपने साथ काम करने वालों की कमियां गिनवाने की कोशिश न करें. इससे मैनेजमेंट में आपकी नकारात्मक छवि बनने की आशंका बढ़ेगी. जहां तक मुमकिन हो, अपने ही मजबूत पक्ष पर फोकस रखें और कायदे से अपनी बात कहें.
अप्रेजल के वक्त आप मैनेजमेंट को इस बात का एहसास करा सकते हैं कि कंपनी में आपकी जरूरत क्यों है. आपमें ऐसी कौन-सी बात है, जो आपको औरों से अलग करती है. साथ ही भविष्य में कंपनी के साथ बने रहने से कंपनी का क्या हित हो सकता है.
अगर आपके हाथों में अप्रेजल फॉर्म आने ही वाला हो, तो हमारी ओर से बेस्ट ऑफ लक...
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