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एक तरफ जहां कोरोना महामारी से लोग बेहाल हैं, कई राज्यों में लॉकडाउन है और काम बंद पड़े हैं, वहीं दूसरी तरफ पेट्रोल और डीजल के दाम कम होने की जगह धीरे-धीरे बढ़ते जा रहे हैं. महामारी ने पहले ही लोगों की जेब पर बड़ा असर डाला है, अब ऐसे में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें जेब पर और बोझ बढ़ा रही हैं. दिल्ली-मुंबई जैसे बड़े शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं.
इससे पहले, राष्ट्रीय राजधानी में पेट्रोल और डीजल 91.27 रुपये और 81.73 रुपये प्रति लीटर पर बेचा जा रहा था. इस बढ़ोतरी से पहले दो ऑटो ईंधन की कीमतें दो दिन की वीकेंड अवधि के लिए स्थिर थीं.
मुंबई में 9 मई को पेट्रोल की कीमत 97.86 रुपये और डीजल की 89.17 रुपये प्रति लीटर रही. चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 93.38 रुपये प्रति लीटर और डीजल 86.96 रुपये प्रति लीटर है. कोलकाता में पेट्रोल के दाम 91.66 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम 84.90 रुपये प्रति लीटर रहे.
राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित कुछ राज्यों में और महाराष्ट्र में कुछ स्थानों पर पेट्रोल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच गई हैं, जबकि प्रीमियम पेट्रोल पिछले कुछ समय से उस स्तर से ऊपर मंडरा रहा है.
राजस्थान और मध्य प्रदेश में पेट्रोल पहले ही शतक मार चुका है. राजस्थान के श्रीगंगानगर में पेट्रोल 102.42 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिक रहा है. वहीं. मध्य प्रदेश के अन्नूपुर में पेट्रोल के दाम 102.12 प्रति लीटर हैं. इस साल में ये दूसरी बार है जब देश में पेट्रोल का आंकड़ा 100 रुपये लीटर के पार पहुंचा है.
8 और 9 मई को ऑटो ईंधन की कीमतें वापस लेने से पहले, इसकी पंप दरें पिछले चार दिनों में तेजी से बढ़ी थीं. पेट्रोल और डीजल की कीमतें 3 मई को 15 पैसे और 18 पैसे प्रति लीटर बढ़ीं, 4 मई को 19 पैसे और 21 पैसे प्रति लीटर, 5 मई को 25 और 30 पैसे और 6 मई को 28 पैसे और 31 पैसे प्रति लीटर और 7 मई को 18 दिनों के बाद स्थिरता दिखी. लेकिन अब एक बार फिर कीमतों में इजाफा शुरू हो गया है.
पिछले पखवाड़े में वैश्विक तेल की कीमतें 66-67 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से अधिक हो गई हैं, जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में अंतिम बार संशोधन किया गया था. क्रूड की कीमतें अब 69 प्रति बैरल के आसपास हो गई हैं.
15 दिनों के ब्रेक के बाद 15 अप्रैल को दो ऑटो ईंधन की कीमत में 16 पैसे और 14 पैसे प्रति लीटर की गिरावट आई थी, जब ओएमसी ने अपनी कीमतों को स्थिर रखा था. इसके बाद ईंधन की कीमतों में संशोधन रोक दिया गया.
(IANS के इनपुट्स के साथ)
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