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केंद्र सरकार ने शनिवार, 21 मई को पेट्रोल (Petrol) पर उत्पाद शुल्क में 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल (Diesel) पर 6 रुपये प्रति लीटर की कटौती की. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जैसे ही इसकी घोषणा की सरकार और विपक्षी दलों का एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यरोप शुरू हो गया. जहां एक तरफ कांग्रेस सरकार को 2014 का रेट याद दिलाकर पूछा की "जनता को कितना बेवकूफ बनाएंगे" वहीं बीजेपी नेताओं ने उन राज्य सरकारों को घेरा है जिनमें विपक्षी दलों की सरकार में हैं.
कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क काम करने की घोषणा पर तेजी से प्रतिक्रिया दी और उन्होंने कहा कि देश को "जुमला" की जरुरत नहीं. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि
एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि "प्रिय FM, जनता को कितना बेवकूफ बनाएंगे? आज पेट्रोल की कीमत है ₹105.41/लीटर. आज आपने पेट्रोल की क़ीमत ₹9.50 कम की. 21 मार्च , 2022 को सिर्फ 60 दिन पहले, पेट्रोल की कीमत ₹95.41/लीटर थी 60 दिन में आपने पहले पेट्रोल की कीमत ₹10/लीटर बढ़ा दी और अब ₹9.50/लीटर घटा दी"
पीएम मोदी और वित्त मंत्री सीतारमण का आभार जताते हुए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने "कुछ राज्यों द्वारा कीमतों को कम करने से इनकार" करने की बात कही है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बीजेपी शासित राज्यों की तुलना में लगभग 10-15 रुपये अधिक हैं.
उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल की कीमतों में यह असमानता इसलिए है क्योकि संबंधित राज्य सरकारों ने वैट को कम करने से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि "अब समय आ गया है जब ये राज्य जागे और अपने कंज्यूमर को राहत देने के लिए वैट कम करे"
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि फैसलों से पता चलता है कि उनकी सरकार के लिए 'हमेशा लोग पहले होते हैं'.
मालूम हो कि केंद्र की ओर से ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम किए जाने के बाद केरल ने पेट्रोल पर राज्य कर में 2.41 रुपये, डीजल पर 1.36 रुपये की कटौती की है.
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