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12 अगस्त को कन्फेडरेशन ऑफ इंडिया इंडस्ट्री (CII) की वार्षिक बैठक में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने भारतीय उद्योग की आलोचना की, उन्होंने भारतीय उद्योगपतियों की बिजनेस प्रैक्टिसेस को राष्ट्रहित के खिलाफ बताया. गोयल ने खासकर 153 साल पुराने टाटा ग्रुप पर जमकार निशाना साधा.
इस वीडियो में इंफ्रास्ट्रक्चर, डिफेंस और एयरोस्पेस, टाटा संस के अध्यक्ष बनमाली अग्रवाल का नाम लेकर गोयल ने कहा कि टाटा संस ने उनके मंत्रालय द्वारा बनाए गए नियमों का विरोध किया था, वे नियम उपभोक्ताओं की मदद करने के लिए थे.
गोयल ने कहा कि"क्या आपके जैसी कंपनी, एक दो आपने शायद कोई विदेशी कंपनी खरीद ली... उसका महत्व ज़्यादा हो गया, देश-हित कम हो गया? उन्होंने ये भी बताया कि उन्होंने ये बात 'चंद्रा' (टाटा समूह के अध्यक्ष एन.चंद्रशेखरन) को भी कही थी.
पीयूष गोयल का यह बयान उस समय आया जब सीआईआई के कुछ सदस्यों के साथ-साथ टाटा संस के मिस्टर अग्रवाल ने युवाओं के कौशल पर अधिक जोर देने की बात कही थी और डीसीएम श्रीराम के चेयरमैन अजय श्रीराम ने कोविड-19 महामारी की वजह से मार झेल रही छोटी फर्माें की मदद करने का अनुरोध किया था.
गोयल ने अपने संबोधन में उदय (कोटक), पवन (गोयनका), टाटा, अंबानी, बजाज और बिड़ला की भी आलोचना की. सीआईआई की सालाना बैठक में पीयूष गोयल ने एक जगह कहा कि भारतीय उद्योग स्टार्ट-अप के लिए शुरुआती चरण में धन नहीं दे रहा. उन्होंने कहा कि "उदय (कोटक), पवन (गोयनका), टाटा, अंबानी, बजाज और बिड़ला से इस बारे में बात की थी लेकिन इसके बावजूद भी इन्होंने मदद नहीं की.
पीयूष गोयल ने कहा कि सामाजिक विकास उद्योग की भी जिम्मेदारी है. उन्होंने आर्थिक राजधानी मुंबई के पास अविकसित आदिवासी क्षेत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि “देश इस तरह की असमानता को कितना सहन कर सकता है, इसकी एक सीमा है. जब हम हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए पालघर में जमीन लेने की कोशिश कर रहे थे, तब जमकर विरोध हुआ. क्यों? उन्होंने पूछा कि-आपने हमारे लिए क्या किया है? आप हमारी जमीन ले रहे हैं और सड़कें, बुनियादी ढांचा, रेलवे ले रहे हैं, लेकिन हमारे जीवन में कोई सुधार नहीं हुआ है. यह चिंता का कारण हो सकता है अगर कभी लोगों का धैर्य खत्म हो जाए."
गोयल ने कहा कि "सिनर्जी यानी ताल-मेल एक संयुक्त और गंभीर जिम्मेदारी है, अकेले सरकार की जिम्मेदारी नहीं है."
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