advertisement
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात अमेरिका के प्रेसिडेंट इलेक्ट जो बाइडेन से फोन पर बात कर उन्हें जीत की बधाई दी. पीएम मोदी ने बातचीत में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया. दोनों के बीच कोरोना वायरस महामारी, जलवायु परिवर्तन और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग को लेकर भी बातचीत हुई. साथ ही, पीएम मोदी ने वाइस-प्रेसिडेंट इलेक्ट कमला हैरिस को भी जीत की बधाई दी.
बातचीत के बाद, पीएम मोदी ने ट्वीट में बताया, “हमने भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया, और हमारी साझा प्राथमिकताओं और चिंताओं- कोविड -19 महामारी, जलवायु परिवर्तन, और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की.”
पीएम ने बताया कि उन्होंने वाइस-प्रेसिडेंट इलेक्ट कमला हैरिस के लिए भी अपनी शुभकामनाएं भेजीं. उन्होंने कहा, “उनकी सफलता भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लोगों के लिए गर्व और प्रेरणा की बात है, जो भारत-अमेरिका संबंधों के लिए मजबूती का सोर्स हैं.”
अमेरिकी चुनाव जीतने के बाद जो बाइडेन ने ऑस्ट्रेलिया, जापान समेत कई देशों की लीडरशिप से बात की. बाइडेन की ट्रांजिशन टीम ने उनकी मोदी के साथ हुई बातचीत के बारे में बताया, “बाइडेन ने पीएम मोदी को उनकी बधाई के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि वे दक्षिण एशियाई मूल की पहली उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना और बढ़ाना चाहते हैं. साथ ही कहा कि वह साझा वैश्विक चुनौतियों पर प्रधानमंत्री के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, जिसमें कोविड-19 को नियंत्रित करने, जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने, वैश्विक आर्थिक सुधार की शुरूआत, लोकतंत्र को मजबूत बनाना शामिल है.”
पीएम मोदी और प्रेसिडेंट इलेक्ट बाइडेन की बातचीत के बाद, अमेरिका में भारतीय राजदूत, तरनजीत सिंह ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि दोनों नेताओं के बीच हेल्थकेयर, फार्मासूटिकल्स और खासकर वैक्सीन की भूमिका पर भी बातचीत हुई.
सिंह ने बताया कि दोनों नेताओं ने अपनी पुरानी मुलाकातों को भी याद किया. उन्होंने बताया, “2014 में, जब पीएम मोदी अमेरिका की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर थे, तब वह उपराष्ट्रपति बाइडेन ही थे, जिन्होंने उनके लिए ऑफिशियल लंच की मेजबानी की थी. 2016 में, अमेरिकी कांग्रेस में पीएम के संबोधन के दौरान भी, बाइडेन ने ही संयुक्त सत्र की अध्यक्षता की थी. इसलिए वे बहुत गर्मजोशी से उन मुलाकातों को याद करते हैं.”
इससे पहले, एक डिस्कशन के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि बाइडेन की लीडरशिप में भारत-अमेरिका के रिश्तों का विस्तार होगा. उन्होंने कहा, "उपराष्ट्रपति के तौर पर, हम उनके साथ काम कर चुके हैं. मुझे पूरी उम्मीद है कि हम वहीं से शुरुआत करेंगे, जहां हमने छोड़ा था, ऐसा हम पिछले चार प्रशासनों से करते आ रहे हैं."
थिंक टैंक गेटवे हाउस के एक ऑनलाइन डिस्कशन में विदेश मंत्री ने कहा कि जो बाइडेन भारत के लिए या दोनों देशों के रिश्तों के लिए अजनबी नहीं हैं.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)