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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 फरवरी को पश्चिम बंगाल के हल्दिया में जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी सरकार पर आपदा में भ्रष्टाचार के अवसर खोजने का आरोप लगाया. पीएम मोदी ने बंगाल की बदहाली के पीछे राजनीति के 'अपराधीकरण' को जिम्मेदार बताया. इसके अलावा पीएम ने ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा कि वो 'जय श्री राम के नारे से गुस्सा हो जाती हैं लेकिन देश-विरोधी नारों से नहीं.'
पीएम ने कहा, "अगर ममता बनर्जी से विकास के बारे में पूछो तो गुस्सा हो जाती हैं, जय श्री राम का नारा लगाओ तो गुस्सा हो जाती हैं. लेकिन देश को बदनाम करने की अंतर्राष्ट्रीय साजिश पर एक शब्द नहीं कहती हैं. भारत की छवि खराब करने की कोशिश हो रही है, लेकिन क्या ममता ने प्रतिक्रिया दी?"
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वो हल्दिया सहित पश्चिम बंगाल के विकास से जुड़ी करीब 5,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास करने के लिए लोगों के बीच आए हैं.
पीएम ने कहा, "बंगाल पहले से जितना आगे था, अगर बीते दशकों में उसकी वो गति और बढ़ी होती, तो आज बंगाल कहां से कहां पहुंच गया होता. पश्चिम बंगाल की इस स्थिति का सबसे बड़ा कारण है यहां की राजनीति."
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'मां, माटी मानुष की बात करने वालों में आज भारत माता के लिए आवाज बुलंद करने का साहस नहीं है.' उन्होंने अपने संबोधन में कहा, "साहस इसलिए नहीं है, क्योंकि इतने सालों में इन लोगों ने पॉलिटिक्स को क्रिमिनलाइज किया है, करप्शन को इंस्टीट्यूशनलाइज किया है और प्रशासन और पुलिस का राजनीतिकरण किया है."
पीएम मोदी ने कहा की कोरोना के दौरान देशभर के किसानों के बैंक खाते में पीएम सम्मान निधि के तहत हजारों करोड़ रुपये जमा किए गए. उन्होंने कहा, "इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ से अधिक छोटे किसान परिवारों के बैंक खाते में 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं."
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "बंगाल में बीजेपी सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में भारत सरकार की किसानों की जो योजना है उसको तेज गति से लागू करने का निर्णय किया जाएगा."
पीएम ने कहा कि फुटबाल की भाषा में कहें तो TMC ने एक बाद एक कई फाउल कर लिए हैं- 'मिसगवर्नेंस का फाउल, विरोधियों पर हमले और हिंसा का फाउल, बंगाल के लोगों का पैसा लूटने का फाउल और आस्था पर हो रहे हमलों का फाउल.'
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