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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि देश अपने नागरिकों और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए सशस्त्रबलों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने के हरसंभव कदम उठाने के लिए तैयार है. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने रक्षा विनिर्माण और खरीद प्रक्रियाओं को व्यवस्थित किया है.
पीएम ने इस दौरान कांग्रेस की सरकार पर भी निशाना साधा, उन्होंने कहा कि रक्षा क्षेत्र में यूपीए सरकार की ‘पॉलिसी पैरालिसिस’ ने देश की रक्षा तैयारियों को प्रभावित किया है. मोदी ने कहा कि पिछली सरकार की सुस्ती, अक्षमता या ‘शायद कुछ छिपे उद्देश्यों' ने रक्षा क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया.
मोदी ने रक्षा प्रदर्शनी 2018 का औपचारिक उद्घाटन करते हुए कहा, "भारत ने दुनियाभर में सर्वाधिक संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों को भेजा है. शांति के लिए हमारी प्रतिबद्धता उतनी ही मजबूत है, जितनी हमारी प्रतिबद्धता देश के लोगों और क्षेत्र की रक्षा के लिए."
उन्होंने कहा, "इसके लिए हम अपने सशस्त्रबलों को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने के लिए हरसंभव कदम उठाने के लिए तैयार हैं."
मोदी ने कहा कि देश के हजारों सालों के इतिहास से पता चलता है कि भारत की कभी भी किसी के क्षेत्र पर कब्जा जमाने की इच्छा नहीं रही. मोदी ने रक्षा मोर्चे पर कहा कि उनकी सरकार ने विनिर्माण लाइसेंसों में सुधार और इन्हें दुरुस्त करने, निर्यात को मंजूरी देने, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश और खरीद में सुधार प्रक्रिया को मजबूत और बेहतर बनाने के लिए कदम उठाए हैं.
उन्होंने कहा, "इन सभी क्षेत्रों में हमारे नियम, प्रक्रियाएं और काम करने के तरीके अधिक उपयोगी, अधिक पारदर्शी हैं. मोदी ने कहा कि घरेलू रक्षा उद्योग क्षेत्र का विकास करने के लिए रक्षा खरीद प्रक्रिया में संशोधन किए गए हैं.
उन्होंने कहा, "हमने ऑर्डनेंस फैक्ट्रीज ने विशेष रूप से बनाए गए कुछ सामानों को सूची से बाहर कर दिया है ताकि निजी क्षेत्र खास तौर से एमएसएमई का इस क्षेत्र में प्रवेश हो सके."
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