Home News India PM मोदी ने बताया क्यों गए थे केदारनाथ,‘मन की बात’ की 10 बड़ी बातें
PM मोदी ने बताया क्यों गए थे केदारनाथ,‘मन की बात’ की 10 बड़ी बातें
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले ‘मन की बात’ में देश के लोगों से बात की.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम की फाइल फोटो
(फोटोः Narendramodi.in)
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पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले ‘मन की बात’ में देश के लोगों से बात की. मन की बात में पीएम मोदी पानी के संरक्षण से लेकर आपातकाल तक कई मुद्दों पर बात की तो वहीं उन्होंने चुनाव के दौरान अपनी केदारनाथ यात्रा का भी जिक्र किया.
पीएम मोदी मन की बात की 10 बड़ी बातें
मैं हर पल कुछ मिस कर रहा था और जब मैं ‘मन की बात’ करता हूं तब, बोलता भले मैं हूं, शब्द शायद मेरे हैं, आवाज मेरी है, लेकिन, कथा आपकी है, पुरुषार्थ आपका है, पराक्रम आपका है. मैं तो सिर्फ, मेरे शब्द, मेरी वाणी का उपयोग करता था और इसके कारण मैं इस कार्यक्रम को नहीं आपको मिस कर रहा था.
कई लोगों ने मुझे चुनाव की आपाधापी में मेरे केदारनाथ जाने पर सवाल पूछा, आपका हक है, मैं समझ सकता हूं और मुझे भी लगता है कि कभी मेरे उन भावों को आप तक कभी पहुंचाऊ, लेकिन, आज मुझे लगता है कि अगर मैं उस दिशा में चल पड़ूंगा तो शायद ‘मन की बात’ का रूप ही बदल जाएगा और इसलिए चुनाव की इस आपाधापी, जय-पराजय के अनुमान, अभी पोलिंग भी बाकी था और मैं चल पड़ा. ज्यादातर लोगों ने उसमें से राजनीतिक अर्थ निकाले हैं. मेरे लिये, मुझसे मिलने का वो अवसर था.
आपकी चिट्ठी भी मेरे लिये कभी प्रेरणा का कारण बन जाती है, तो कभी ऊर्जा का कारण बन जाती है. कभी-कभी तो मेरी विचार प्रक्रिया को धार देने का काम आपके कुछ शब्द कर देते हैं. लोग, देश और समाज के सामने खड़ी चुनौतियों को सामने रखते हैं, तो उसके साथ-साथ समाधान भी बताते हैं.
जब देश में आपातकाल लगाया गया, तब उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं रहा था, राजनेताओं तक सीमित नहीं रहा था, जेल के सलाखों तक, आंदोलन सिमट नहीं गया था, उस वक्त जन-जन के दिल में एक आक्रोश था.
भारत गर्व के साथ कह सकता है कि हमारे लिए, कानून नियमों से परे लोकतंत्र हमारे संस्कार हैं, लोकतंत्र हमारी संस्कृति है, लोकतंत्र हमारी विरासत है. और आपातकाल में हमने अनुभव किया था और इसीलिए देश, अपने लिए नहीं, लोकतंत्र की रक्षा के लिए आहुत कर चुका था.
मैं चुनाव आयोग को, और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को, बहुत-बहुत बधाई देता हूं और भारत के जागरूक मतदाताओं को नमन करता हूं.
2019 के लोकसभा चुनाव में 61 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वोट दिया. यह संख्या हमें बहुत ही सामान्य लग सकती है, लेकिन अगर दुनिया के हिसाब से देखें और चीन को छोड़ दिया जाए तो भारत में दुनिया के किसी भी देश की आबादी से ज्यादा लोगों ने मतदान किया है.
देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया. आइए, वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें.
आप सभी से मेरा अनुरोध है, कुछ समय पढ़ने के लिए समर्पित करें. मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि आप ‘नरेंद्र मोदी मोबाइल ऐप’ पर पढ़ी जाने वाली पुस्तकों के बारे में बात करें.
मुझे और एक बात के लिए भी आपका और दुनिया के लोगों का आभार व्यक्त करना है. 21 जून को फिर से एक बार योग दिवस में उमंग के साथ, एक-एक परिवार के तीन-तीन चार-चार पीढ़ियां, एक साथ आ करके योग दिवस को मनाया.
मुझे हाल ही में किसी ने ‘प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानियां’ नाम की पुस्तक दी, मुझे बहुत अच्छा लगा. हालांकि, बहुत समय तो नहीं मिल पाया, लेकिन प्रवास के दौरान मुझे उनकी कुछ कहानियां फिर से पढ़ने का मौका मिल गया. प्रेमचंद ने अपनी कहानियों में समाज का जो यथार्थ चित्रण किया है, पढ़ते समय उसकी छवि आपके मन में बनने लगती है, उनकी लिखी एक-एक बात जीवंत हो उठती है.