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पाकिस्तान को आतंकवाद की पनाहगार बताते हुए भारत ने एक बार फिर कड़ा रुख दिया है. भारत ने कहा है कि पाकिस्तान सीमा पार से आंतकवाद को लगातार बढ़ावा दे रहा है, ऐसे माहौल में सार्क (दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन) के साथ आगे बढ़ना मुश्किल है.
दरअसल, हाल ही में ऐसी खबरें आई थीं कि सार्क समिट के इस्लामाबाद में आयोजन को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पहल कर सकते हैं. कहा जा रहा था कि नई दिल्ली यात्रा के दौरान वह इस पर भारत को राजी कर सकते हैं. हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने दो टूक कह दिया है कि आतंक के पनाहगाह पाकिस्तान के साथ सार्क समिट फिलहाल संभव नहीं है.
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली तीन दिन की यात्रा पर भारत आए हैं. उनके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई बैठक के दौरान SAARC समिट आयोजित करने का मुद्दा उठा.
सार्क सम्मेलन हर दो साल पर क्रमानुसार इसके सदस्य राष्ट्रों द्वारा आयोजित किया जाता है. साल 2014 में सार्क सम्मेलन काठमांडू में आयोजित हुआ था और इसमें प्रधानमंत्री मोदी ने हिस्सा लिया था.
साल 2016 का सार्क सम्मेलन इस्लामाबाद में आयोजित होने वाला था. लेकिन जम्मू - कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सेना के शिविर पर उसी साल 18 सितंबर को हुए आतंकवादी हमले की वजह से भारत ने सम्मेलन में शामिल होने से इंकार कर दिया.
इसके बाद बांग्लादेश , भूटान और अफगानिस्तान ने भी खुद को इस सम्मेलन से अलग कर लिया था. उरी आतंकवादी हमले में भारत के 19 जवान शहीद हुए थे.
बीते महीने पाकिस्तानी पीएम शाहिद खकान अब्बासी ने अपनी काठमांडू यात्रा के दौरान नेपाल के पीएम से सार्क समिट इस्लामाबाद में आयोजित करने को लेकर सपोर्ट मांगा था. इसके अलावा अब्बासी ने श्रीलंका के राष्ट्रपती श्रीसेना से भी सहयोग की अपील की थी.
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