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भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूके (United Kingdom) द्वारा कोविशील्ड वैक्सीन को मान्यता न देने के निर्णय को ‘भेदभावपूर्ण नीति’ करार दिया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने यूके को यह भी चेतावनी दी कि उसके नागरिकों को भी भारत की तरफ से इसी तरह के कोविड -19 प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है.
साथ ही हर्ष श्रृंगला ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कोविड -19 महामारी के दौरान अपनी पहली बड़ी विदेश यात्रा के लिए तैयार हैं और 22 सितंबर को संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए रवाना होंगे. पीएम मोदी व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) से मुलाकात करेंगे.
यूके ने COVID से संबंधित नए यात्रा प्रतिबंधों की घोषणा की है, जिसने अब भारत में एक विवाद का रूप ले लिया है. विदेश सचिव एचवी श्रृंगला ने यूके द्वारा कोविशील्ड वैक्सीन को मान्यता न देने के फैसले को ‘भेदभावपूर्ण नीति’ करार दिया. हर्ष श्रृंगला ने इसे लेकर कहा,
हर्ष श्रृंगला ने यूके को यह भी चेतावनी दी कि उसके नागरिकों को भी भारत की तरफ से इसी तरह के कोविड -19 प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा.
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय 76वें सत्र में भाग लेने के लिए अमेरिकी दौरे पर गए एस जयशंकर ने नव नियुक्त ब्रिटिश विदेश सचिव एलिजाबेथ ट्रस के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने कोविशील्ड वैक्सीन को मान्यता न देने तथा भारतीय टूरिस्टों के लिए अनिवार्य 10 दिनों के क्वारंटाइन मुद्दे के "शीघ्र समाधान" का आग्रह किया. इस बैठक के दौरान अफगानिस्तान की स्थिति और भारत-प्रशांत के घटनाक्रम पर भी चर्चा की गयी.
प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले हर्ष श्रृंगला ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा,
श्रृंगला ने जानकारी दी कि दोनों नेता सुरक्षा, रक्षा और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीय बैठक करेंगे. तालिबान के अधिग्रहण के बाद से अफगानिस्तान में बदली स्थिति पर भी चर्चा होगी.
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