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यूपी के जालौन से पीएम मोदी ने शनिवार को बुंदलेखंड एक्सप्रेस-वे का शुभारंभ किया. इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा कि 'रेवड़ी कल्चर' देश के विकास के लिए बहुत घातक है. पीएम मोदी के इस बयान पर विपक्ष भी जमकर तंज कसा.
पीएम मोदी के बयान पर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया के जरिए पलटवार किया. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि रेवड़ी बांटकर थैंक्यू का अभियान चलवाने वाले सत्ताधारी अगर युवाओं को रोजगार दें, तो वो ‘दोषारोपण संस्कृति’ से बच सकते हैं. रेवड़ी शब्द असंसदीय तो नहीं?
वहीं, आप संयोज अरविंद केजरीवाल ने भी पीएम मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये फ्री की रेवड़ी क्या होती है. मैं आपको बताता हूं एक कंपनी ने कई बैंक से लोन लिया और पैसे खा गए. बैंक दिवालिया हो गया और उस कंपनी ने एक राजनैतिक पार्टी को कुछ करोड़ों रुपए का चंदा दे दिया और उस कंपनी के खिलाफ सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया.
दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने कहा कि अपने देश के बच्चों को मुफ्त और अच्छी शिक्षा देना और लोगों का अच्छा और मुफ्त इलाज करवाना - इसे मुफ्त की रेवड़ी बांटना नहीं कहते. हम एक विकसित और गौरवशाली भारत की नींव रख रहे हैं. ये काम 75 साल पहले हो जाना चाहिए था.
केजरीवल ने कहा कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 18 लाख बच्चे पढ़ते हैं. देशभर में सरकारी स्कूलों का बेड़ा गर्क था, वैसे ही दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत थी. 18 लाख बच्चों का भविष्य बर्बाद था. आज हमने अगर इन बच्चों का भविष्य ठीक किया तो मैं क्या गुनाह कर रहा हूं?
बता दें, पीएमओ की तरफ से भी पीएम मोदी की बातों को ट्वीट किया गया. PMO की तरफ से किए गए ट्वीट में कहा गया कि हमारे देश में मुफ्त की रेवड़ी बांटकर वोट बटोरने का कल्चर लाने की कोशिश हो रही है. ये रेवड़ी कल्चर देश के विकास के लिए बहुत घातक है. इस रेवड़ी कल्चर से देश के लोगों को बहुत सावधान रहना है.
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