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केंद्र में सरकार के चार साल पूरे होने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने देशभर के मुद्रा योजना लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. पीएम मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना एक ऐसी योजना है, जिसने बिना किसी भेदभाव के पिछड़े लोगों को सशक्त करने का काम किया. लोगों से बातचीत के दौरान पीएम ने ये भी कहा कि बड़े लोग तो लोन लेकर भाग जाते हैं, लेकिन गरीब एक-एक पैसा चुकाता है.
मोदी ने मुद्रा योजना के लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत करते हुए कहा कि पिछली सरकारों में उन्हें लोन मिलता था, जिनकी बैंकों में या बड़े नेताओं से पहचान होती थी. उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में वित्त मंत्री खुद बैंकों को फोनकर अपने करीबी कारोबारियों के बड़े लोन दिलाते थे. लेकिन इस योजना ने लाइसेंस राज को खत्म कर दिया.
योजना के एक लाभार्थी से उसकी सक्सेस स्टोरी सुनने के दौरान पीएम ने उससे सवाल किया कि क्या वह समय से बैंक का पैसा चुका रहा है? लाभार्थी ने जवाब में कहा- हां. इस पर पीएम मोदी ने कहा कि बड़े लोग लोन लेकर भाग जाते हैं लेकिन गरीब लोग लोन चुकाकर सम्मान की जिंदगी जीना जानते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 12 करोड़ लाभार्थियों को छह लाख करोड़ रुपये के मुद्रा ऋण बांटे हैं. यह कार्य, उनकी सरकार की गैर - वित्तपोषित को वित्तपोषित करने की पहल के तहत किया गया है.
मुद्रा ऋण के लाभार्थियों के साथ बातचीत में मोदी ने कहा , ‘‘इन 12 करोड़ लाभार्थियों में से करीब 28 प्रतिशत यानी 3.25 करोड़ लोग पहली बार उद्यम शुरु करने वाले लोग हैं.''
उन्होंने कहा कि इसमें 74% लाभार्थी महिलाएं हैं जो संख्या में करीब नौ करोड़ हैं. 55% ऋण अनुसूचित जाति / जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों को दिए गए हैं.
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत मोदी ने आठ अप्रैल 2015 को की थी. इसका मकसद छोटे और मझोले उद्यमियों को गैर - कॉरपोरेट और गैर - कृषि काम के लिए 10 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराना था.
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