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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक पर भी बात की. ANI को दिए हुए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा, 'सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला बड़ा रिस्क था. मुझे सैनिकों की सुरक्षा कि ज्यादा फिक्र थी.'
28 सितंबर 2016 को लाइन ऑफ कंट्रोल के पार जाकर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में मौजूद आतंकी कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक पर जाने से पहले पीएम मोदी ने स्पेशल फोर्सेज के कमांडोज को जो मैसेज दिया था. वो मैसेज था, 'सूरज उगने से पहले सैनिकों को लौटना था, फिर चाहे मिशन सक्सेसफुल हो या फिर फेल.'
मिलिट्री एक्शन के बारे में पहली बार पीएम मोदी ने खुलकर बात की. पीएम मोदी ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिए जाने से पहले सैनिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमले की तारीख को दो बार बदला गया था.
स्पेशल फोर्सेज के कमांडोज ने कश्मीर के उरी में हुए आतंकी हमले में 20 सैनिकों की शहादत के बाद सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था.
पीएम मोदी ने बताया कि उरी में हुए आतंकी हमले में हमारे जवानों को जिंदा जला दिया गया था. इसकी वजह से मेरे साथ-साथ भारतीय सेना के जवान भी बहुत गुस्से में थे. इसके बाद ही सर्जिकल स्ट्राइक की प्लानिंग तैयार की गई थी.
पीएम मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में बात करते हुए कहा कि जब वह आर्मी के साथ ऑपरेशन के बारे में चर्चा कर रहे थे तो वह भावुक हो गए थे. उन्होंने कहा,
पीएम ने कहा कि उन्होंने आर्मी के साथ चर्चा के दौरान इस बात पर भी जोर दिया था कि इस ऑपरेशन में एक भी सैनिक शहीद नहीं होना चाहिए.
पीएम मोदी ने बताया, 'मैं जानता हूं कि सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम देने में बड़ा रिस्क था. मुझे किसी भी पॉलिटिकल रिस्क की चिंता कभी नहीं थी. मेरी सबसे बड़ी फिक्र सैनिकों की सुरक्षा थी.'
प्रधानमंत्री ने बताया कि ऑपरेशन के लिए कमांडोज के चुनाव में सतर्कता बरतने के साथ ही उनकी स्पेशल ट्रेनिंग समेत उन्हें किन हथियारों का की जरूरत है इसका इंतजाम किया गया था.
पीएम मोदी ने बताया, 'ऑपरेशन के दौरान उन्हें सबसे ज्यादा चिंता इस बात की थी कि उनके सैनिक एलओसी के उस पार थे. हालात तब और ज्यादा चिंताजनक हो गए, जब सुबह के वक्त एक घंटे के लिए जानकारियों का आदान-प्रदान रुक गया.'
पीएम मोदी ने बताया, 'सुबह के समय, सूचनाओं का क्रम तकरीबन एक घंटे तक के लिए बंद हो गया. इस दौरान मेरी चिंता बढ़ गई. यहां तक सूर्योदय को एक घंटा बीत चुका था. वह मेरे लिए बहुत मुश्किल वक्त था. तभी खबर मिली की वे अभी वापस नहीं लौटे हैं लेकिन दो-तीन यूनिट्स सुरक्षित जगहों पर पहुंच गई थीं, तो घबराने की जरूरत नहीं है. लेकिन मैंने कहा जब तक आखिरी सैनिक तक वापस नहीं आ जाता है तब तक सबकुछ ठीक नहीं है.'
इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि उरी हमले के बाद हमारे जवान बहुत गुस्से में थे. उनका हौसला बढ़ाने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक जरूरी थी. उन्होंने कहा, 'हमारे जवानों का हौसला बरकरार रखने के लिए पाकिस्तान के साथ इस अंदाज में बातचीत जरूरी थी. हैरानी वाली बात तो यह है कि जो पाकिस्तान की ओर से कहा जा रहा था, वहीं यहां पर भी कहा गया. इसकी वजह से पाकिस्तान के दावों को दम मिला.'
उन्होंने बताया, 'देश को इस बारे में सूचना मिलने से पहले ही पाकिस्तान ने सर्जिकल स्ट्राइक की चर्चा शुरू कर दी थी.'
इंटरव्यू के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने वालों को भी नसीहत दी. उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद देश में अलग-अलग राजनीतिक दलों ने सवाल उठाए. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने सर्जिकल स्ट्राइक पर शक जताते हुए कई ट्वीट किए. इसके साथ ही दावों पर भी सवाल उठाया. इस पर पीएम मोदी ने कहा कि विपक्षी दल कुछ भी बोल रहे थे, जो लोग आर्मी एक्शन पर सवाल खड़े कर रहे थे, वह गलत था, उन्हें इस तरह की राजनीति नहीं करनी चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी से जब पूछा गया कि सर्जिकल स्ट्राइक के क्या नतीजे निकले, क्योंकि एलओसी के पार से आज भी कश्मीर में हमले जारी हैं. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें इस मुद्दे को लेकर खुले मंच पर बात नहीं करनी चाहिए.
हालांकि, बाद में पीएम मोदी ने कहा, 'एक लड़ाई से पाकिस्तान सुधर जाएगा, यह सोचना बहुत बड़ी गलती होगी. पाकिस्तान को सुधरने में अभी और समय लगेगा.'
उरी अटैक पर बात करते हुए मोदी कहते हैं, 'उस हादसे ने मुझे असहज कर दिया था, जिसके बाद मेरे भीतर गुस्सा था. मैं इसके बाद केरल गया, मैंने इस बात का जिक्र भी किया था क्योंकि मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था.'
मोदी बताते हैं, 'जब आर्मी से उन्होंने बातचीत की तो उन्हें महसूस हुआ कि वे अपने शहीद जवानों के लिए न्याय चाहते हैं. इसकी वजह से सरकार ने उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक करने के लिए पूरी छूट दे दी.'
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