Home News India इंटरव्यू में पीएम मोदीः देश के स्वास्थ्य के लिए जरूरी थी नोटबंदी
इंटरव्यू में पीएम मोदीः देश के स्वास्थ्य के लिए जरूरी थी नोटबंदी
पीएम मोदी ने गिनाए नोटबंदी के फायदे
क्विंट हिंदी
भारत
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
(फाइल फोटोः PTI)
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी को लेकर उठ रहे तमाम सवालों का पहली बार जवाब दिया है. मोदी ने न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में कहा कि नोटबंदी देश के स्वास्थ्य और स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी थी.
पीएम मोदी से जब पूछा गया कि तमाम राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि साल 2018 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार के पीछे सबसे बड़ा कारण नोटबंदी थी. आपको क्या लगता है, क्यो नोटबंदी की जरूरत थी?
हमारे देश में कालाधन को लेकर बार-बार खबरें आती थीं. कोई इससे इंकार भी नहीं करता था कि देश में समानांतर अर्थव्यवस्था चल रही है. उद्योपतियों, कारोबारियों और बाबूओं के घरों से बिस्तरों के नीचे से नोट मिलते थे. बोरे भर-भरकर नोट निकलते थे. देश में जो समानांतर अर्थव्यवस्था चल रही थी, उसने देश को भीतर से खोखला कर दिया था.
नोटबंदी ने जो सबसे बड़ा काम किया है, वो ये है कि जो बोरे भरभरकर नोट पड़े रहते थे, वो बैंकिंग व्यवस्था में आए हैं. ये आने वाले दिनों में देश को आर्थिक रूप से मजबूती देने वाला है. आप नई पीढ़ी से बात करेंगे तो वो कहते हैं कि हमारे मां-बाप को जो करना पड़ा वो करना पड़ा, लेकिन अब हम ईमानदारी से काम करना चाहते हैं. इससे देश में ईमानदारी का माहौल बना है.
पहले की तुलना में देश में टैक्स देने वालों की संख्या बढ़ी है. आज लोगों को बैंकिंग सेक्टर के माध्यम से खुला काम करने का इच्छा जगी है.
नोटबंदी कोई झटका नहीं था. एक साल पहले हमने देश को कहा था कि अगर आपके पास इस तरह का कोई धन है तो जमा करा दें, उसमें से आपको दंड देना पड़ेगा, बाकी का आपको मिल जाएगा. लेकिन पहले की सरकारों की तरह उन लोगों ने सोचा कि मोदी भी ऐसा ही होगा, तो बहुत कम लोग आगे आए. इसके बाद मैंने मीडिया के माध्यम से कहा कि सरकार की इस स्कीम का फायदा उठाइए. अगर ऐसा नहीं होता है तो सरकार को परिस्थितियां ठीक करने के लिए दूसरा कदम उठाना होगा. नोटबंदी रातों-रात नहीं हुई. लगातार औऱ बार-बार आगाह किया गया, उसके बाद नोटबंदी करनी पड़ी. देश के स्वास्थ्य के लिए ये करना जरूरी था.
जहां तक आर्थिक विकास का सवाल है, तो कोई भी व्यवस्था देख लीजिए, यहां तक कि रेल भी जब पटरी बदलती है तो स्पीड थोड़ी कम हो जाती है. मनमोहन सिंह भी जब वित्त मंत्री थे, तब जब इकनॉमिक रिफॉर्म हुए थे तो जीडीपी गिरकर करीब दो फीसदी से भी नीचे आ गया था. क्योंकि एक बदलाव आया था, तो बदलाव के कारण ऐसा हुआ और बाद में स्थिति संभलती चली गई.