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संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर गए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के बीच व्हाइट हाउस में पहली द्विपक्षीय हुई. व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में हुए इस बैठक के दौरान पीएम मोदी ने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि भारत और अमेरिका के बीच मजबूत दोस्ती के बीज बोए गए हैं.
विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रंगला ने बताया कि इस दौरान H-1B वीजा का मुद्दा उठाया गया. बता दें हाल के दिनों में अमेरिका में काम करने वाले भारतीयों को यह वीजा मिलने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा है.
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति बाइडेन से कहा कि "मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं. 2014 और 2016 में आपसे विस्तार से चर्चा करने का अवसर मिला था, और उस समय आपने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों के लिए विजन रखा था. आज आप भारत-अमेरिका संबंधों के अपने विजन को लागू करने के लिए पहल कर रहे हैं उसका मै स्वागत करता हूं"
पीएम मोदी ने आगे कहा कि "महात्मा गांधी ट्रस्टीशिप की बात करते थें. यह दशक उसके लिए भी महत्वपूर्ण है. महात्मा गांधी इस बात की वकालत करते थें कि इस प्लेनेट के हम ट्रस्टी हैं और आने वाली पीढ़ियों को हमे यह सौपना है. यही ट्रस्टीशिप दोनों देशों के बीच जरुरी है."
बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि "मुझे लंबे समय से विश्वास है कि अमेरिका-भारत संबंध हमें कई वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने में मदद कर सकते हैं. वास्तव में 2006 में जब मैं उपराष्ट्रपति था, मैंने कहा था कि 2020 तक भारत और अमेरिका दुनिया के सबसे करीबी देशों में होंगे."
राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत और अमेरिका के बीच संबंध मजबूत, करीब और मजबूत होना तय है. बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, "चार मिलियन भारतीय-अमेरिकी हर दिन अमेरिका को मजबूत बनाते हैं."
बैठक से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्वीट कर कहा कि
23 सितंबर को भारतीय प्रधान मंत्री ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस, ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष स्कॉट मॉरिसन, जापानी पीएम योशीहिदे सुगा और पांच बहु-राष्ट्रीय कंपनियों के सीईओ के साथ अलग-अलग बैठकें की थीं.
तीन दिवसीय यात्रा के अंतिम दिन पीएम मोदी भारत रवाना होने से पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को संबोधित करेंगे.
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