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दुनिया की सबसे बड़ी पब्लिक हेल्थ अस्योरेंस स्कीम, आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat- PMJAY) में बड़ी अनियमितता सामने आई है. भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) ने अपनी रिपोर्ट में PMJAY के तहत लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में अनियमितताओं को उजागर किया है. CAG की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि लगभग 7.5 लाख लाभार्थी एक ही फोन नंबर- 9999999999 से रजिस्टर्ड थे.
सोमवार को लोकसभा में पेश आयुष्मान भारत-PMJAY के प्रदर्शन पर अपनी ऑडिट रिपोर्ट में CAG ने कहा कि कुल मिलाकर, योजना के लाभार्थी पहचान प्रणाली (BIS) में 7,49,820 लाभार्थी एक ही मोबाइल नंबर से जुड़े हुए थे. इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है,
9999999999 फोन नंबर से जुड़े 7,49,820 लाभार्थियों के अलावा, 1,39,300 लाभार्थी 8888888888 फोन नंबर से जुड़े हुए थे; और 96,046 अन्य लोग 9000000000 फोन नंबर से रजिस्टर्ड थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम 20 फोन नंबर ऐसे थे, जिनसे 10,001 से 50,000 लाभार्थी जुड़े हुए थे.
रिपोर्ट में कहा गया है, “डेटाबेस में किसी भी लाभार्थी से संबंधित रिकॉर्ड खोजने के लिए मोबाइल नंबर जरूरी है, जो बिना आईडी के भी रजिस्ट्रेशन डेस्क से संपर्क कर सकते हैं. ई-कार्ड खो जाने की स्थिति में लाभार्थी की पहचान करना भी मुश्किल हो सकता है. इसके परिणामस्वरूप पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ नहीं मिल सकता है. साथ ही एडमिशन से पहले और बाद की जानकारी से भी इनकार किया जा सकता है, जिससे उन्हें असुविधा हो सकती है."
CAG ने बताया, "राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने ऑडिट पर सहमति जताते हुए कहा (अगस्त 2022) कि BIS 2.0 के आने के बाद इस मुद्दे का हल हो जाएगा."
पर्याप्त सत्यापन नियंत्रण के अभाव में, लाभार्थी डेटाबेस में खामियां देखी गईं, जैसे अमान्य नाम, अवास्तविक जन्मतिथि, डुप्लिकेट PMJAY आईडी, घर में परिवार के सदस्यों का अवास्तविक आकार आदि. CAG की रिपोर्ट के मुताबिक, 36 मामलों में, 18 आधार नंबर पर दो रजिस्ट्रेशन किए गए और तमिलनाडु में 7 आधार नंबरों पर 4,761 रजिस्ट्रेशन किए गए.
CAG ने रिपोर्ट में कहा गया है, "BIS डेटाबेस में एक घर में ऐसे अवास्तविक सदस्यों की उपस्थिति न केवल लाभार्थी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में आवश्यक सत्यापन नियंत्रण की कमी को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी संभावना है कि लाभार्थी दिशानिर्देशों में परिवार की स्पष्ट परिभाषा की कमी का फायदा उठा रहे हैं."
CAG की रिपोर्ट के मुताबिक, "इसके अलावा, NHA 15 से अधिक सदस्यों वाले किसी भी लाभार्थी परिवार के मामले में 'सदस्य जोड़ने' के फंक्शन को डिसेबल करने की नीति बना रहा है."
रिपोर्ट के मुताबिक, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में कई पेंशनभोगियों के पास PMJAY कार्ड हैं और वो इस योजना के तहत इलाज का लाभ उठा रहे हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि तमिलनाडु में, योजना डेटाबेस के साथ राज्य सरकार के पेंशनभोगी डेटाबेस की तुलना से पता चला कि "1,07,040 पेंशनभोगियों को लाभार्थियों के रूप में शामिल किया गया था". "इन पेंशनभोगियों के लिए SHA द्वारा बीमा कंपनी को भुगतान किया गया प्रीमियम 22.44 करोड़ रुपये था."
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) की शुरुआत 23 सितंबर 2018 को हुई थी. इस योजना का लक्ष्य गरीब और कमजोर वर्ग के 12 करोड़ से अधिक परिवारों को माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती होने पर प्रति परिवार प्रति वर्ष पांच लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान करना है. इस योजना में शामिल परिवार क्रमशः ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना 2011 (SECC 2011) के अभाव और व्यावसायिक मानदंडों पर आधारित हैं.
मार्च 2021 तक, 36 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में से 32 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने PMJAY को अपना लिया था. इनमें से 21 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने ट्रस्ट मोड को अपनाया, सात राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने बीमा मोड को अपनाया और चार राज्यों ने मिश्रित पद्धति अपनाई है.
दिल्ली और ओडिशा ने अभी तक इस योजना को नहीं अपनाया है. तेलंगाना ने मई 2021 में इस योजना को अपनाया था, जबकि पश्चिम बंगाल जनवरी 2019 में इस योजना से अलग हो गया.
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