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महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक आश्रम में एक साधु को लूटने के बाद उनकी हत्या कर दी गई. अब आरोपी को तेलंगाना से गिरफ्तार कर लिया गया है. नांदेड़ पुलिस (महाराष्ट्र) की एक टीम उसकी गिरफ्तारी के लिए तेलंगाना रवाना हो गई है.
नांदेड़ पुलिस एसपी विजयकुमार मागर ने बताया कि आरोपी का क्रिमिनल बैकग्राउंड है वो 10 साल पहले हुई एक हत्या के मामले में सह-अभियुक्त था. उसपर पहले छेड़छाड़ का मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है.
इससे पहले एसपी ने साफ कर दिया था कि इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. साधु और हत्या आरोपी दोनों ही एक ही समुदाय के हैं.
उन्होंने बताया कि शनिवार देर रात कम से कम दो लोगों ने आश्रम में घुसकर शिवाचार्य निर्वाणरुद्र पशुपतिनाथ महाराज की आंखों में मिर्च पाउडर डाल दिया, जिससे उन्हें दिखना बंद हो गयाय
अपराधियों ने पीड़ित के बेडरूम से उनकी कार की चाबियों के अलावा 69,000 रुपये, उनका लैपटॉप और लगभग 1.50 लाख रुपये की कीमत के अन्य सामान लूट लिए। जब शिवाचार्य ने उनका विरोध किया तो बदमाशों ने उनकी हत्या कर दी. अपराधियों ने साधु की कार से भाग निकलना चाहा लेकिन आश्रम के मुख्य गेट से कार भिड़ा दी.
मागर ने आईएएनएस को बताया, "देर रात कार भिड़ने की आवाज सुनकर अश्रम में रहने वाले करीब 8-10 लोग दौड़कर बाहर निकले और दोनों को मोटरसाइकिल पर बैठकर अंधेरे में वहां से फरार होते देखा। बाद में हमें लुटेरों में से एक का शव आश्रम से थोड़ी दूर पर मिला."
कर्नाटक के रहने वाले शिवाचार्य एक दशक पहले नांदेड़ आए और आश्रम की स्थापना की, जिसका संचालन वह अनुयायियों के एक समूह के साथ किया करते थे.
वारदात के सामने आने के बाद ही विश्व हिंदू परिषद ने शिवसेना पर हमला बोला. परिषद ने कहा कि अगर पालघर में साधुओं के हत्यारों के साथ नरमी नहीं बरती जाती तो शायद नांदेड़ की इस वारदात को रोका जा सकता था. VHP ने कहा कि साधु और सेवक की हत्या की घटना की गंभीरता से जांच कर दोषियों के खिलाफ उद्धव ठाकरे सरकार सख्त कार्रवाई करे.
VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने घटना पर गुस्से का इजहार करते हुए कहा, "पालघर में पूज्य साधुओं के हत्यारे तो अभी तक हाथ नहीं आए किन्तु हां, महाराष्ट्र के ही पूज्य स्थल नांदेड़ में आज एक और पूज्य संत की जान ले ली गई. क्या कोई कल्पना कर सकता है कि राज्य की सेना-सोनिया सरकार में पूज्य बाला साहब ठाकरे के संस्कार लेश मात्र भी जिंदा हैं?
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