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कोरोना वैक्सीन नीति को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर सवाल उठाने वाले पोस्टर लगाए जाने के मामले में FIR दर्ज की गईं और लोगों की गिरफ्तारी हुईं. अब पोस्टर वाला ये केस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. देश की सर्वोच्च अदालत में याचिका लगाई गई है, जिसमें मांग की गई है कि दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जो FIR दर्ज की हैं, उन्हें रद्द किया जाए.
बता दें कि अब तक इस मामले में 24 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और कई एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी हैं.
दिल्ली के कई इलाकों में इस तरह के पोस्टर दिखाई दिए हैं जिस पर लिखा हुआ है- 'मोदी जी आपने हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी?'
भारत के कई सारे राज्य वैक्सीन की कमी का सामना कर रहे हैं. देश का वैक्सीनेशन अभियान वैक्सीन की कमी की वजह से सुस्त पड़ गया है. ऐसी परिस्थितियों में विपक्षी पार्टियां, सिविल सोसायटी और एक्सपर्ट लगातार सवाल उठा रहे हैं कि सरकार की बड़े पैमाने पर वैक्सीन को एक्सपोर्ट करने, बेचने या दूसरे देश को देने की नीति की वजह से वैक्सीन शॉर्टेज की समस्या खड़ी हुई है.
13 मई को पूर्वी दिल्ली के कल्याणपुरी इलाके से दिल्ली पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया था, पुलिस को इनपुट मिला था कि वहां पर पोस्टर लगाए गए हैं. तब करीब 800 पोस्टर्स और बैनर्स जब्त किए गए थे.
केंद्र के तहत काम करने वाली दिल्ली पुलिस की 4 शाखाओं ने ये गिरफ्तारियां की हैं जिनमें ईस्टर्न रेंज, सेंट्रल और नॉर्थईस्ट शामिल रहीं. बताया गया कि इस ऑपरेशन को तालमेल बैठाकर अंजाम दिया गया.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि- अगर इस तरह की शिकायतें सामने आती हैं तो अभी और एफआईआर दर्ज की जाएंगी. फिलहाल अभी जांच चल रही है कि किसके कहने पर ये पोस्टर लगाए गए. इसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
देर शाम को पुलिस ने कहा कि दिल्ली की सत्ताधारी आम आदमी पार्टी ने ये पोस्टर लगवाए हैं.
पोस्टर लगाने पर की गई कार्रवाई की राजनीतिक रूप से जमकर निंदा कई गई. कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर मुखर रूप से इसका विरोध किया. तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इसे लेकर ट्वीट किया. विपक्षी दल के नेताओं ने कहा कि वो इस सवाल के साथ खड़े हैं.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद राष्ट्रीय दिल्ली बुरी तरह प्रभावित हुई. हॉस्पिटल में बेड की कमी, ऑक्सीजन की कमी, दवाओं की कमी और कालाबाजारी से लोगों को दो चार होना पड़ा. दूसरी तरफ एक्सपर्ट्स ने चेताया है कि कोरोना वायरस संकट पर काबू पाना है तो हमें अपनी ज्यादा से ज्यादा आबादी को वैक्सीन देना होगा.
इसी दौरान केंद्र की मोदी सरकार की कोरोना नियंत्रण, वैक्सीन, स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जमकर आलोचना का सामना करना पड़ा है. सिर्फ भारत में ही नहीं कई सारे विदेशी मीडिया संस्थानों ने पीएम मोदी के कोरोना मैनेजमेंट पर सवाल उठाए.
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