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प्रसार भारती और सूचना-प्रसारण मंत्रालय के बीच टकराव बढ़ा

सूचना-प्रसारण मंत्रालय और प्रसार भारती के बीच सेलरी को लेकर छिड़ा विवाद

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प्रसार भारती और सूचना प्रसारण मंत्रालय के बीच टकराव
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प्रसार भारती और सूचना प्रसारण मंत्रालय के बीच टकराव
(फोटोः Twitter)

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कर्मचारियों की सैलरी को लेकर सरकारी ब्रॉडकास्टर प्रसार भारती और सूचना प्रसारण मंत्रालय के बीच छिड़ा विवाद अब और बढ़ गया है. इस विवाद को लेकर एक और वजह सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक IFFI 2017 के आयोजन के लिए एक निजी फर्म को हायर किया गया था. इसी फर्म के करीब 2.9 करोड़ रुपये के भुगतान को लेकर प्रसार भारती और आईबी मिनिस्ट्री में ठन गई थी.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेशनल फिल्म डेवलेपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएफडीसी) ने इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया 2017 (IFFI) के उद्घाटन और समापन समारोह के लिए निजी कंपनी को हायर किया था. हालांकि, सरकारी सूत्रों का कहना है कि पहले प्रसार भारती एनडीएफसी को भुगतान करने के लिए तैयार हो गया था लेकिन बाद में वह पीछे हट गया.

बीती 15 फरवरी को बोर्ड मीटिंग में प्रसार भारती ने एनएफडीसी की निजी फर्म को भुगतान करने की मांग को खारिज कर दिया था. एनएफडीसी ने प्रसार भारती के अंतर्गत आने वाले दूरदर्शन को 2.92 करोड़ रुपये के बिल का भुगतान करने को कहा था.

इस पर प्रसार भारती ने यह कहकर बिल पास करने से इंकार कर दिया कि दूरदर्शन अपना काम खुद करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है.

PB और IB मिनिस्ट्री के बीच विवाद की वजह!

सूत्रों के मुताबिक बीते साल 25 अक्टूबर को NFDC और प्रसार भारती के बीच एक बैठक हुई थी. इस बैठक में IFFI की कवरेज को लेकर विस्तार से चर्चा हुई थी. बैठक में IFFI की कवरेज और इवेंट को बड़े पैमाने पर आयोजित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया.

इसके बाद NFDC ने IFFI 2017 के उद्घाटन और समापन समारोह का ठेका एक निजी फर्म को दिया. फर्म को इसके एवज में 2.92 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाना है.

इस मामले पर 15 फरवरी को प्रसार भारती ने एक बार फिर बैठक की, जहां मंत्रालय ने बकाया राशि का भुगतान करने से इंकार कर दिया. मंत्रालय चाहता है कि इस पैसे का भुगतान दूरदर्शन करे, जो कि प्रसार भारती के अधिकार क्षेत्र में आता है. लेकिन कहा जाता है कि दूरदर्शन ने यह पैसा देने से साफ इंकार कर दिया.

लिहाजा, निजी फर्म को भुगतान का मामला भी आईबी मिनिस्ट्री और प्रसार भारती के बीच टकराव की वजह हो सकती है. इसी मामले के बाद से दोनों एक दूसरे पर गलत व्यवहार का आरोप लगा रहे हैं.

प्रसार भारती का IB मिनिस्ट्री पर आरोप

सूर्य प्रकाश ने आईबी मिनिस्ट्री पर प्रसार भारती की स्वायत्तता खत्म करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि मिनिस्ट्री ने प्रसार भारती के 29000 कर्मचारियों की जनवरी और फरवरी महीने की सैलरी जारी नहीं की है. वहीं मिनिस्ट्री का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं है, प्रसार भारती ने जानबूझकर उसके खिलाफ माहौल बनाया है.

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कर्मचारियों की सैलरी के लिए प्रसार भारती ने जारी किया फंड

प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेंपति ने कहा है कि सरकारी प्रसारणकर्ता ने कर्मचारियों की सैलरी के लिए 28 फरवरी को 208 करोड़ रुपये अपने रिजर्व फंड से जारी किये थे.वेंपति के इस बयान से साफ है कि मंत्रालय ने अब तक हर महीने की सैलरी के लिए प्रसार भारती को दिया जाने वाला फंड जारी नहीं किया है.

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