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सुप्रीम कोर्ट की अवमानना को लेकर वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को दोषी करार दिए जाने के बाद कोर्ट भूषण की सजा को लेकर आज सुनवाई करेगा. वहीं प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दायर की है, जिसमें उन्होंने सजा पर सुनवाई टालने की गुहार लगाई है. इसमें कहा गया है कि जब तक इस संबंध में एक समीक्षा याचिका दायर नहीं की जाती और अदालत की तरफ से इस पर विचार नहीं किया जाता, तब तक सजा पर सुनवाई को टाल दिया जाए.
वहीं इस मामले में पूर्व जज कुरियन ने कहा है कि प्रशांत के मामले को कोर्ट की संविधान पीठ को सुनना चाहिए. उन्होंने इस मामले में एक इंट्रा कोर्ट अपील की मांग की है. वहीं प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना के मामले को लेकर 21 नेताओं ने भी उनका समर्थन किया है. जिसमें कांग्रेस नेता शशि थरूर थरूर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी और यशवंत सिंन्हा जैसे लोग शामिल हैं.
प्रशांत भूषण ने 27 जून को अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ और दूसरा ट्वीट प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ किया था. 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रशांत भूषण को नोटिस मिला. प्रशांत भूषण ने अपने पहले ट्वीट में लिखा था कि जब भावी इतिहासकार देखेंगे कि कैसे पिछले छह साल में बिना किसी औपचारिक इमरजेंसी के भारत में लोकतंत्र को खत्म किया जा चुका है, वो इस विनाश में विशेष तौर पर सुप्रीम कोर्ट की भागीदारी पर सवाल उठाएंगे और प्रधान न्यायाधीश की भूमिका को लेकर सवाल पूछेंगे.
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