प्रशांत किशोर अब चुनाव जिताएंगे नहीं, खुद लड़ेंगे?

पश्चिम बंगाल में टीएमसी के चुनावी रणनीतिकार थे प्रशांत किशोर, अब नहीं करेंगे ये काम

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प्रशांत किशोर
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प्रशांत किशोर
(Photo: Altered by The Quint)

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पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने जो तमाम दावे किए थे, वो अब फेल हो चुके हैं. क्योंकि अब तक के रुझानों के मुताबिक राज्य में ममता बनर्जी एक बार फिर से भारी बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है. लेकिन इसी बीच ममता बनर्जी के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने इंडिया टुडे के साथ बातचीत में बताया कि अब वो आगे चुनावों में रणनीति तैयार करने का काम नहीं करेंगे. यानी इस काम से उन्होंने संन्यास ले लिया है.

आईपैक से भी अलग होंगे प्रशांत किशोर

पीके ने कहा कि वो इस काम को कभी भी नहीं करना चाहते थे. लेकिन किसी तरह वो इसमें आए. हालांकि उनकी बनाई गई कंपनी आईपैक ये काम जारी रखेगी. लेकिन इसमें अब प्रशांत किशोर का कोई रोल नहीं होगा. उन्होंने कहा कि आईपैक के लोग ज्यादा बेहतर काम कर सकते हैं, इसीलिए मुझे लगा कि अब ब्रेक लेना चाहिए. उन्होंने बताया कि आईपैक को कई और लोग चलाते हैं, इसीलिए इसे चलाने या बंद करने का मेरा अधिकार नहीं है.

हालांकि प्रशांत किशोर पिछले कई सालों से अलग-अलग पार्टियों के लिए चुनावी रणनीति बनाने का काम करते आए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेताओं और पार्टियों के साथ मिलकर काम कर चुके हैं. लेकिन अचानक ये काम छोड़ने का फैसला अब कई सवाल खड़े कर रहा है. सबसे बड़ा सवाल ये है कि अपनी जिंदगी के करीब 8 सालों तक राजनीति को काफी करीब से जानने के बाद क्या अब प्रशांत किशोर खुद चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं?
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राजनीति को लेकर सोच समझकर लूंगा फैसला- पीके

लेकिन प्रशांत किशोर का कहना है कि उन्होंने अब तक ऐसा कुछ भी नहीं सोचा है. उन्होंने कहा कि वो राजनीति में उतरने से पहले पिछली कमियों को देखेंगे और उसी के बाद कोई फैसला लेंगे.

बता दें कि प्रशांत किशोर ने इससे पहले ये दावा किया था कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी 100 सीटों तक भी नहीं पहुंच पाएगी. उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा हुआ तो वो संन्यास ले लेंगे, उनकी ये भविष्यवाणी सच भी साबित हुई, इसके बावजूद वो अपने काम को छोड़ रहे हैं.

प्रशांत किशोर ने इस दौरान चुनाव आयोग को भी जमकर निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने बीजेपी के ही एक हिस्से की तरह काम किया. फिर चाहे वो बीजेपी के चुनाव में धर्म को शामिल करने की बात हो या फिर चुनाव का शेड्यूल हो, हर जगह चुनाव आयोग ने अपने नियमों में बदलाव किए. बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए चुनाव आयोग ने सब कुछ किया.

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पूरे नतीजे कुछ ही घंटों में सामने आ जाएंगे, लेकिन रुझानों में फिलहाल टीएमसी 215 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रही है. वहीं बीजेपी करीब 72 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है. ममता बनर्जी ने खुद नंदीग्राम की जंग जीत ली है, उन्होंने बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी को 1200 वोट से हरा दिया.

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