Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भारतीय भाषाएं हमारी कमजोरी नहीं बहुत बड़ी ताकत हैं- प्रसून जोशी

भारतीय भाषाएं हमारी कमजोरी नहीं बहुत बड़ी ताकत हैं- प्रसून जोशी

अब लगाम भारतीय भाषाओं के हाथ में लेने का वक्त

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
i
null
null

advertisement

गीतकार, स्क्रिप्टराइटर और अब सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष. लेकिन इन सबसे पहले विज्ञापनों की दुनिया को खांटी हिंदी का स्वाद चखाने वाले प्रसून जोशी. प्रसून ने भारतीय भाषाओं के भविष्य पर खुलकर चर्चा की.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

भारतीय भाषाओं के लिए वर्नाकुलर शब्द का इस्तेमाल कितना सही?

मुझे लगता है कि भारतीय भाषाओं से जुड़े लोगों को वर्नाकुलर कहना ठीक नहीं. मैं जब मुंबई आया तो बहुत अपमानजनक ढंग से वर्नी शब्द का प्रयोग किया जाता था.ये बिल्कुल सही नहीं है.इससे कष्ट होता है. उन लोगों को कष्ट होता है जो इस देश में मूल रूप सेभारतीय भाषाओं में पढ़ते हैंउनका कोई दोष नहीं है. भारतीय भाषाएं यहां की अपनी भाषाएं हैं. उन्हें हमारी शक्ति होना चाहिए.ये हमारी कमजोरी कब से बन गया.भाषाओं की लड़ाई भी इससे मंद होगी. विचार ऊपर आएंगे जिनको प्राथमिकता मिलनी चाहिए.मैं इसका स्वागत करता हूं. इंटरनेट के युग में लोकतांत्रिक ढंग से जो अपनी भाषाओं का जो महत्व होना चाहिए वो महत्व बढ़ेगा.

क्या हिंदुस्तानी भाषाएं बोलने वालों को किसी दूसरे खांचे में डालकर देखा जाता है?

शुरुआत में जब मैं विज्ञापन की दुनिया से जुड़ा, उस समय मुझे काफी अलग समझा जाता था कि “आप तो दो भाषाएं बोल लेते हैं...बताइए, वो लोग (ग्राहक) क्या सोचते हैं? “जिन लोगों का आप हिस्सा हैं, उन्हें आप ‘वो लोग’ कहने लगते हैं. ये चिंता की बात है.

भाषाओं के जरिए राज कैसे बंद होगा?

मुझे लगता है कि जब लगातार उन्हें दिखेगा कि भाषाओं के माध्यम से लोगों पर राज करने की कोशिश करना निंदनीय है. जब समाज उसे निंदनीय मानेगा, जब देश की सामूहिक चेतना उसे निंदनीय मानेगी तो धीरे-धीरे वो स्वयं इस बात को समझेंगे. मुझे उनसे भी आग्रह करना है जो अंग्रेजीदां हैं, जिन्हें अंग्रेजी भाषा जानने की वजह से बहुत सारे फायदे मिले हैं. वो समझें कि सिर्फ भाषा की वजह से अगर उन्हें कोई पद मिला है या वो जीवन में कुछ कर पाए हैं तो वो कितना सही है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 14 Sep 2018,08:33 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT