क्विंट हिंदी अपने अनूठे कंटेंट और नए दौर की भरोसेमंद पत्रकारिता के लिए जाना जाता है. वही भरोसा जो आपको क्विंट नेटवर्क के साथ मिलता है. क्विंट नेटवर्क यानी द क्विंट, क्विंट हिंदी, क्विंट फिट, क्विंट नियॉन और ब्लूमबर्ग क्विंट. क्विंट हिंदी और गूगल की ये साझेदारी, ये पहल एक कोशिश है अंग्रेजी के मुकाबले भारतीय भाषाओं को इंटरनेट पर उनकी सही पहचान दिलाने की.
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डिजिटल टेक्नोलॉजी ला रही बदलाव की बयार
टीवी और प्रिंट इस कोशिश में उतने कामयाब नहीं हो सके लेकिन डिजिटल टेक्नोलॉजी चीजों को बदल रही है. ऑनलाइन दुनिया में भारतीय भाषाएं उभर कर सामने आ रही हैं. हां, इसमें कुछ चुनौतियां हैं. अंग्रेजी से बराबरी में कुछ स्पीड ब्रेकर हैं लेकिन कुछ लोग भी हैं जो इन ब्रेकर्स से गुजरकर भी रुकने को तैयार नहीं. वो लगातार इनोवेट कर रहे हैं, मुश्किलों को सुलझा रहे हैं. हार मानने को तैयार नहीं.
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क्विंट हिंदी और गूगल इस पहल के जरिए न सिर्फ ऐसे लोगों को, ऐसी कंपनियों को सलाम कर रहे हैं बल्कि उन दिक्कतों को भी सामने लाना चाहते हैं जिनसे ये एंटरप्रेन्योर जूझ रहे हैं. हम कब तक अपनी भाषाओं को रीजनल कह-कह कर कम आंकते रहेंगे. अब वक्त इंटरनेट की दुनिया में भारतीय भाषाओं के जश्न मनाने का है और उनको उनकी सही जगह दिलाने का भी.
बोल- Love Your भाषा
18 सितंबर को हमारे इस खास कार्यक्रम- बोल- Love Your भाषा में जुबानों की इस ऑनलाइन दुनिया को बदलने वाले तमाम लोग एक छत के नीचे इकट्ठा होंगे. चर्चा होगी इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं के भविष्य की, सम्मान होगा उनका जिन्होंने हमारी अपनी भाषाओं को बढ़ावा देने का काम किया है और सामना होगा चुनौतियों का.
क्विंट हिंदी और गूगल की इस पहल के जरिए होने वाले मंथन से उम्मीद है ‘भाषाई अमृत’ निकलने की जो ऑनलाइन दुनिया को बेहतर और दिलचस्प बनाने में मदद करेगा.
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