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प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए दुनिया के कोने-कोने से लोग वाराणसी पहुंचे हैं. सात समंदर पार से आए मेहमानों के स्वागत के लिए पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया है. PM नरेंद्र मोदी मंगलवार को खुद वाराणसी में मौजूद रहेंगे. मोदी ने इस इवेंट में शामिल होने के लिए बनारस के कुछ चुनिंदा चाय, पान और मिठाई के दुकानदारों को भी न्योता भिजवाया है.
वाराणसी में मनाए जा रहे 15वें प्रवासी भारतीय दिवस के लिए सरकार कई महीनों से तैयारी कर रही है. बनारस की खूबसूरती और बीजेपी सरकार के कोशिशों की तारीफ हो, लिहाजा सड़कों को संवारा गया है. चौराहे चमक रहे हैं. योगी सरकार ने पूरे शहर की सूरत ही बदल दी है. सम्मेलन को भव्य रुप देने के लिए सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है. इस बात का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि प्रवासी भारतीयों की मेहमाननवाजी पर लगभग 200 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं.
प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार की रात अपने संसदीय क्षेत्र में ही गुजारेंगे. हर बार की तरह इस बार भी वे बनारस के चुनिंदा लोगों से मिलेंगे. लेकिन अबकी बार खास बात ये है कि इस बार उन्होंने शहर के चाय, पान, लस्सी और मिठाई वाले दुकानदारों को मिलने के लिए बुलाया है. ये मोदी के खास मेहमान होंगे. बताया जा रहा है उन्हें प्रवासियों से मिलवाया जाएगा, ताकि वे बनारस का स्वाद और मिजाज बनाने वालों को नजदीक से जान सकें.
प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए धर्म नगरी काशी को नया लुक दिया गया है. प्रवासी भारतीयों के लिए बने टेंट सिटी से लेकर शहर की दीवारों पर बदलते बनारस की छाप नजर आ रही है. दूधिया रोशनी से नहाती सड़कों के दोनों ओर रंग-बिरंगी चित्रकारी देखकर हर कोई दंग है. करीब 87 करोड़ रुपए से नगर और पर्यटन स्थलों तक जाने वाली सड़कों को दुरुस्त किया गया है.
ट्रेड फेसिलिटी सेंटर के पास ही ऐढ़े गांव में 42 एकड़ एरिया में बसाए गए खूबसूरत प्रवासी शहर में मेहमानों के लिए 3000 कॉटेज बनाए गए हैं. इनमें वो सारी सुविधाएं मौजूद हैं, जो फाइव स्टार होटलों में मिलती हैं. यहां छह ब्लॉक में अलग-अलग फूड कोर्ट बनाए गए हैं, तो दूसरी तरफ जिम, योगा और स्पा सेंटर, एटीएम, मुद्रा एक्सचेंज काउंटर, ई-रिक्शा जैसी सुविधाओं की भी व्यवस्था है.
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