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बिहार में कोरोना टीकाकरण को लेकर राजधानी से लेकर राज्य के प्रखंडों और गांवों तक में तैयारी पूरी कर ली गई है. राज्य सरकार का मानना है कि केंद्र सरकार द्वारा पूरी तकनीकी मदद मिल रही है. इस बीच, टीका (वैक्सीन) को सुरक्षित रखने के लिए प्रखंडों तक में व्यवस्था की गई है.
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि, "राज्य में कोविड जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए कोविशील्ड और कोवैक्सीन की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए जिला स्तर तक शीत श्रृखंला उपकरण (कोल्ड चेन इक्वीपमेंट) का उपयोग किया जाएगा."
पांडेय ने राज्य में कोविड-19 से बचाव के लिए वैक्सीनेशन की पूरी तैयारी होने का दावा करते हुए कहा कि, "प्रथम चरण में कोविड पोर्टल पर स्वास्थ्यकर्मियों (सरकारी व गैर सरकारी) लाभार्थियों का निबंधन किया जा चुका है। टीकाकरण के लिए 65 हजार टीकाकर्मी चिह्न्ति किये गये हैं, जिनकी सेवा ली जा सकेगी."
उन्होंने कहा, "टीकाकरण के लिए स्थल का निर्धारण मतदान केंद्रों के आधार पर किया गया है. प्रत्येक सत्र स्थल पर तीन कक्ष होंगे. इन सत्र स्थलों की राज्य एवं जिला स्तर के पदाधिकारियों द्वारा मॉनिटरिंग की जा रही है। वैक्सीन के रख-रखाव के लिए राज्य के सभी शीत श्रृंखला संधारण केंद्रों की मॉनिटरिंग की जा रही है.
पांडेय ने बताया कि, "वैक्सीन के रख-रखाव के लिए राज्य के प्रत्येक प्रखंड में कोल्ड-चेन हैंडलर को प्रशिक्षित किया गया है और जिला स्तर पर भी वैक्सीन व कोल्ड चेन प्रबंधकों की तैनाती की गई है. वैक्सीनेशन के बाद किसी प्रकार के दिक्कत आने पर सभी सत्र स्थलों पर नोडल पदाधिकारी को चिह्न्ति किया जा चुका है."
उन्होंने बताया कि, "टीकाकरण के लिए पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है, जिसके द्वारा 100 लोगों को टीका दिया जायेगा. जो लोग पहले से कोविड पोर्टल पर निबंधित हैं , उन्हीं 4 लाख 42 हजार 195 लाभार्थियों को टीका दिया जाएगा. अभी राज्य स्तर पर एक टीकौषधि भंडार, क्षेत्रीय स्तर पर 10, जिला स्तर पर 38 और प्रखंड स्तर पर 630 टीकौषधि भंडार की व्यवस्था की गई है."
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