Home News India Pride Month: DU में प्राइड परेड, रेनबो छाते और पोस्टर के साथ दिखे छात्र-तस्वीरें
Pride Month: DU में प्राइड परेड, रेनबो छाते और पोस्टर के साथ दिखे छात्र-तस्वीरें
Pride parade in DU: ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए क्षैतिज आरक्षण और कैंपस में Gender Neutral Washrooms की मांग की गई.
क्विंट हिंदी
भारत
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Pride Parade in DU
(फोटोःआशना बुटानी/क्विंट हिंदी)
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स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) द्वारा गुरुवार, 1 जून, 2023 को दिल्ली विश्वविद्यालय में प्राइड परेड (Pride Parade) का आयोजन किया गया. इस प्राइड परेड की शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय से हुई. इस दौरान स्टूडेंट्स चित्रित चेहरों के साथ-साथ, हाथों में इंद्रधनुषी रंग के छाते और पोस्टर के साथ मार्च करते हुए नजर आए. बता दें कि जून के महीने को पूरी दुनिया में 'प्राइड मंथ' (Pride Month) के तौर पर मनाया जाता हैं और इस खास मौके पर लोग समलैंगिक अधिकारों के लिए आयोजन कर अपनी बात रखते हैं.
गुरुवार 1जून को परेड में मौजूद मानव संसाधन पेशेवर वेंकटेश ने कहा, 'जब मैं कॉलेज में था, चीजें अलग थीं. हमारे पास चीजों के बारे में बात करने के लिए जगह नहीं थी. हमें अभी भी लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन हम धीरे-धीरे और लगातार आगे बढ़ रहे हैं.'
(फोटोःआशना बुटानी/क्विंट हिंदी)
वेंकटेश ने कहा, 'ये मेरा 62वां प्राइड मार्च है. मुझे खुशी है कि छात्र प्राइड परेड का आयोजन कर रहे हैं.' प्राइड मार्च के दौरान वेंकटेश ने अपने आउटफिट पर असंख्य बैचों को स्पोर्ट किया था, जैसे कि 'ट्रांस लाइव्स मैटर' और 'लव इज ए मेनी जेंडर थिंग.
(फोटोःआशना बुटानी/क्विंट हिंदी)
छात्र अपने मेकअप के साथ-साथ एक-दूसरे को मेकअप करने में मदद करते हुए दिखे. वहीं कुछ अन्य छात्र नॉर्थ कैंपस में नृत्य करते हुए नजर आए.
(फोटोःआशना बुटानी/क्विंट हिंदी)
हितेन नूनवाल फैकल्टी सदस्य हैं और ये विश्वविद्यालय में डिजाइन पढ़ाते हैं. वहीं हितेन जेंडर फ्लूइड के रूप में अपनी पहचान रखते हैं. प्राइड मार्च के दौरान हितेन नूनवाल ने कहा, 'आज यहां आकर अच्छा लग रहा है. हम हर दिन इसी तरह से जीने के लायक हैं. मेरे पास एक पुरुष शरीर हो सकता है, लेकिन मैं अभी इस पोशाक को पहन सकता हूं. यह वर्जित नहीं होना चाहिए. नूनवाल ने खुद की डिजाइन की हुई काले और गोल्डन कलर का ड्रेस पहना था.
(फोटोःआशना बुटानी/क्विंट हिंदी)
प्राइड मार्च के दौरान कैंपस परेड अभिवादन, तारीफों और 'हैप्पी प्राइड' की शुभकामनाओं से गूंज उठा. वहीं समावेशिता के बारे में बात करते हुए नूनवाल ने कहा, 'कैंपस अभी बहुत समावेशी नहीं हैं. डीयू को अभी लंबा सफर तय करना है.'
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प्राइड मार्च के दौरान छात्रों द्वारा कुछ मांगे रखी गई. जिसमें ट्रांसजेंडर छात्रों के लिए क्षैतिज आरक्षण. कैंपस में Gender Neutral Toilets और कॉलेजों में समावेशी मेंटल हेल्थ प्रकोष्ठ शामिल हैं.
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छात्रों ने सभी कॉलेजों में यौन उत्पीड़न के खिलाफ जेंडर संवेदीकरण समिति (GSCASH) और सभी कॉलेजों में कतार-समावेशी एंटी-रैगिंग सेल के कार्यान्वयन की भी मांग की.
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प्रेरणा (दाएं), जिन्होंने हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है. उन्होंने कहा, 'आज मुझे जेंडर यूफोरिया महसूस हो रहा है.'
(फोटोःआशना बुटानी/क्विंट हिंदी)
छात्र-छात्राएं स्लोगन लिखें हुए पोस्टर को हाथों में लिए हुए थे.जबकि कई के हाथों में इंद्रधनुषी छाते थे. वहीं परेड को भारी यातायात का सामना करना पड़ा, क्योंकि वे नॉर्थ कैंपस के चारों ओर मार्च कर रहे थे.
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डीयू की छात्रा अमिता ने कहा कि 'मैं आज आजाद महसूस कर रही हूं. जब हम इस तरह बाहर आते हैं तो हमें अकेलापन महसूस नहीं होता. हमारे कैंपस को बहुत अधिक समावेशी होने की आवश्यकता है. इसके लिए हमारे पास समलैंगिक समूह हैं. प्रोफेसरों को भी अधिक समावेशी होने की आवश्यकता है. बहुत सारे कॉलेज अधिकारी होमोफोबिक हैं. इसे पहले बदलने की जरूरत है.'
(फोटोःआशना बुटानी/क्विंट हिंदी)
गुरुवार को परेड में हर्ष, हर्ष और कोमोलिका भी मौजूद थे. हर्ष (बीच में) ने कहा, 'यह मेरी पहली परेड है और ये अच्छा लगता है कि मैं खुद यहां हो सकती हूं.
(फोटोःआशना बुटानी/क्विंट हिंदी)
हालांकि पुलिस ने छात्रों को सांस्कृतिक कार्यक्रम के तुरंत बाद जाने के लिए कहा.