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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की चार्जशीट में प्रियंका गांधी का नाम, क्या आरोप?

ED ने आरोप लगाया कि वाड्रा और थम्पी के बीच एक "लंबा और गहरा" रिश्ता है जो "सामान्य और व्यावसायिक हितों" तक फैला हुआ है.

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मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED की चार्जशीट में प्रियंका गांधी का नाम, क्या आरोप?

फोटो- MP Congress/X

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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पहली बार एनआरआई कारोबारी सीसी थम्पी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के नाम का जिक्र किया. ईडी ने मामले से संबंधित पहले के आरोपपत्र (चार्जशीट) में उनके पति रॉबर्ट वाड्रा का नाम शामिल किया था.

प्रियंका गांधी पर क्या आरोप?

ईडी ने अपने बयान में कहा, "पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली स्थित एक रियल एस्टेट एजेंट के माध्यम से हरियाणा में जमीन खरीदी, जिसने एनआरआई व्यवसायी सीसी थम्पी को भी जमीन बेची."

ईडी ने आगे आरोप लगाया कि वाड्रा और थम्पी के बीच एक "लंबा और गहरा" रिश्ता है जो "सामान्य और व्यावसायिक हितों" तक फैला हुआ है.

बड़े मामले में भगोड़ा हथियार डीलर संजय भंडारी शामिल है. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा कानूनों और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने की जांच चल रही है. वह 2016 में भारत से ब्रिटेन भाग गया. आरोपी सूत्रधारों में थम्पी और ब्रिटिश नागरिक सुमित चड्ढा शामिल हैं.

चार्जशीट

(फोटो: IANS/X)

ED की चार्जशीट में क्या है?

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर में दायर चार्जशीट में कहा गया, "संघीय एजेंसी ने आरोप लगाया है कि एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा, जिसने वाड्रा और थम्पी दोनों को संपत्तियां बेचीं, ने हरियाणा में जमीन की खरीद के लिए बही-खातों से नकदी प्राप्त की और वाड्रा ने बिक्री के लिए पूरी राशि का भुगतान नहीं किया. पाहवा ने 2006 में प्रियंका गांधी को खेती के लिए भी जमीन बेचा और 2010 में उनसे इसे वापस खरीद लिया."

इस बीच, लंदन में एक संपत्ति की खरीद के संबंध में भी वाड्रा का जिक्र किया है, जो जांच का हिस्सा है. प्रेस नोट में कहा गया है, “इस मामले में जांच के दौरान, यह पाया गया कि सीसी थम्पी और रॉबर्ट वाड्रा के बीच एक लंबा और गहरा रिश्ता मौजूद है. उनके बीच न केवल व्यक्तिगत/सौहार्दपूर्ण बंधन बल्कि सामान्य और समान व्यावसायिक हित भी पाए जाते हैं."

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जनवरी 2020 में गिरफ्तार किए गए थम्पी ने कथित तौर पर ईडी को बताया कि वह वाड्रा को 10 साल से अधिक समय से जानता है और वे वाड्रा की संयुक्त अरब अमीरात और दिल्ली की यात्राओं के दौरान कई बार मिले थे.

ईडी ने कहा है कि थंपी ने 2005 से 2008 तक हरियाणा के फरीदाबाद के गांव अमीपुर में 486 एकड़ जमीन खरीदने के लिए पाहवा की सेवाओं का इस्तेमाल किया.
यह जिक्र करना जरूरी है कि रॉबर्ट वाड्रा ने 2005-2006 तक अमीपुर में 334 कनाल (40.08 एकड़) जमीन के तीन टुकड़े उसी एचएल पाहवा से खरीदे और दिसंबर 2010 में वही जमीन पाहवा को बेच दी. इसके अलावा, रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अप्रैल 2006 में पाहवा से गांव अमीपुर में 40 कनाल (5 एकड़) की कृषि भूमि खरीदी और फरवरी 2010 में वही जमीन पाहवा को बेच दी.
चार्जशीट

ईडी का आरोप है कि संजय भंडारी ने दिसंबर 2009 में लंदन में एक संपत्ति खरीदी, रॉबर्ट वाड्रा के फंड से उसका नवीनीकरण किया और कहा कि वाड्रा वहां तीन से चार बार रुके थे.

कांग्रेस ने क्या कहा?

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, "देखिए चुनाव से पहले वे क्या-क्या करेंगे, यह तो सिर्फ शुरुआत है. वे ऐसा पहली बार नहीं कर रहे हैं, चुनाव आते ही वे ऐसी साजिशें करते हैं. उन्हें साजिश करने दीजिए.."

महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, "बीजेपी डरी हुई पार्टी है. खुदको शक्तिशाली पार्टी समझने वाली और केंद्र में खुदको शक्तिशाली बताने वाले गांधी परिवार से इतना डरते हैं. अंग्रेज भी गांधी से डरते थे और आज की सरकार भी गांधी से डरती है और इसलिए केंद्र सरकार ऐसे मामलों में गांधी परिवार को डालकर लोगों को मूल मुद्दे से भटकाने की साजिश कर रही है."

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "सरकार बदले की राजनीति में अंधी हो गई है. ये राजनीतिक प्रतिशोध के कारण हो रहा है."

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा, "उन्हें (बीजेपी) लगता है कि हम जेल जाने से डरते हैं लेकिन हम जेल जाने से नहीं डरते हैं. हम देश का कानून जानते हैं. वे हमें धमकाने के लिए इन संस्थानों का इस्तेमाल नहीं कर सकते।."

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