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महाराष्ट्र में पुणे के भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं बरसी पर हुई हिंसा मामले में गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू छात्र उमर खालिद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है. पुणे के अक्षय बिक्कड और आनंद डॉन्ड नाम के दो युवाओं ने इन दोनों पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया है. मामले की शिकायत पुणे के डेक्कन पुलिस थाने में दर्ज कराई गई है.
बीती 1 जनवरी को दलित समुदाय के लोग भीमा कोरेगांव युद्ध की 200वीं बरसी पर जीत का जश्न मनाने पहुंचे थे. इसी दौरान स्थानीय लोगों से किसी बात पर उनका टकराव हो गया. थोड़ी ही देर में हिंसा भड़क गई. दोनों पक्षों की ओर से पथराव किया गया. इस हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
पुणे के दो युवाओं ने शहर के डेक्कन पुलिस स्टेशन में शिकायत दी है. शिकायत में विधायक जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू छात्र उमर खालिद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि जिग्नेश मेवाणी और उमर खालिद ने कार्यक्रम में भड़काऊ भाषण दिया था, जिसकी वजह से ही जातीय हिंसा भड़क गई.
शिकायत में कहा गया है कि जिग्नेश मेवाणी ने एक खास वर्ग को सड़क पर उतर कर विरोध करने के लिए उकसाया. इसके बाद ही लोग सड़कों पर उतरे और फिर भीड़ ने हिंसक रूप ले लिया. शिकायतकर्ताओं का कहना है कि महाराष्ट्र में जातीय हिंसा के लिए मेवाणी और खालिद ही जिम्मेदार हैं.
डॉ. बीआर अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर समेत अन्य दलित संगठनों ने बुधवार को महाराष्ट्र बंद का आह्वान किया है. मंगलवार को भी मुंबई और पुणे से हिंसा की कई खबरें आईं थीं.
बीएसपी नेता मायावती ने भीमा-कोरेगांव हिंसा के लिए बीजेपी और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि जो घटना घटी है, उसे रोका जा सकता था. सरकार को वहां सुरक्षा के उचित इंतजाम करने चाहिए थे. वहां बीजेपी की सरकार है और उन्होंने वहां हिंसा कराई, लगता है इसके पीछे बीजेपी, आरएसएस और जातिवादी ताकतों का हाथा है.
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