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पुणे में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है. प्रदर्शन करनेवाले इसे 'कोंधवा का शाहीन बाग' कह रहे हैं. यहां नौ दिनों से विरोध प्रदर्शन हो रहा है. भीषण ठंड के बावजूद शनिवार को महाराष्ट्र के दूसरे सबसे बड़े शहर में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं प्रदर्शन करने पहुंचीं.
पुणे कॉलेज की छात्र जाकिया खान ने कहा, ‘’[दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन को देखकर हम प्रेरित हुए और हमलोगों ने 10 जनवरी को 'कोंधवा में शाहीन बाग' नाम से प्रदर्शन शुरू किया. हालांकि, पहले यहां काफी कम महिलाएं प्रदर्शन में शामिल हुई थीं लेकिन अब बड़ी संख्या महिलाएं पहुंच रही हैं.’’
जाकिया खान ने कहा कि दिन भर में 500-600 महिलाएं और लड़कियां प्रदर्शन स्थल पर डेरा डाले हुए हैं, जिनमें से कई सीधे अपने काम या कॉलेज और स्कूल से आती हैं. जाकिया भी पार्ट टाइम टीचर का काम करती हैं. उन्होंने कहा आपात स्थिति में लोगों की देखभाल के लिए यहां दवाओं और कई चीजों को रखा गया है. अस्थायी शौचालय की भी व्यवस्था की गई है.
दिल्ली के शाहीन बाग में कालिंदी कुंज-शाहीन बाग रोड पर एक महीने से महिलाएं धरना प्रदर्शन कर रही हैं. पुलिस यहां महिलाओं से हटने की अपील कर रही है लेकिन महिलाएं यहां अड़ी हुई हैं. उनका साफ कहना है कि जब तक सीएए और एनआरसी को खत्म नहीं किया जाएगा तब तक वह वहां से नहीं हटेंगी.
शाहीन बाग की आग अब देश भर में देखने को मिल रही है. कोलकाता में भी पार्क सर्कस मैदान में महिलाएं 12 दिनों से धरना दे रही हैं. वहीं, इंदौर में भी बड़वाली चौक पर शाहीन बाग की तरह महिलाएं धरने पर बैठ गई हैं.
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