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आज सुबह एक बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है. न्यू फरक्का एक्सप्रेस की पांच बोगियां पटरी से उतर गई हैं. जिसमें अब तक 5 लोगों की मौत की खबर है. साथ ही कई लोग घायल बताए जा रहे हैं. रायबरेली के हरचंदपुर स्टेशन के पास ये हादसा हुआ. फिलहाल स्थानीय लोग और हरचंदपुर स्टेशन के स्टाफ रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हैं. ट्रेन फरक्का से चलकर रायबरेली होते हुए नई दिल्ली जा रही थी. तभी हरचंदपुर आउटर के पास यह हादसा हुआ है. बताया जा रहा है कि मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है.
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अगले 24 घंटों में आंध्र प्रदेश और ओडिशा को चक्रवात का सामना करना पड़ सकता है. चक्रवाती तूफान ‘तितली’ के आने की खबर से अोडिशा में रेड अलर्ट जारी. मौसम की स्थिति को देखते हुए ओडिशा सरकार ने सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने का निर्देश दे दिया है. तूफान के 11 अक्टूबर को ओडिशा तट से गुजरने की आशंका है.
सुप्रीम कोर्ट ने खरीदारों को घर देने में नाकामयाब आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार किया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आम्रपाली ग्रुप के तीन डायरेक्टरों को पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है.
मंगलवार को जस्टिस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की पीठ ने पुलिस को कोर्ट के अंदर बुलाया और आदेश दिया कि आम्रपाली समूह के डायरेक्टर अनिल कुमार शर्मा, शोव प्रिया और अजय कुमार को तब तक के लिए हिरासत में लिया जाए, जब तक वे फॉरेंसिक ऑडिट के पूरे दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा देते हैं. आम्रपाली ग्रुप के अधूरे पड़े प्रॉजेक्टों के चलते बड़ी संख्या में निवेशकों का पैसा फंसा हुआ है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन डायरेक्टरों ने साल 2015 से अपने अकाउंट तक तैयार नहीं किए. इन पर घर खरीददारों के पैसे दूसरी जगह लगाने का भी आरोप है. जब तक ऑडिटर्स के जरूरी कागजात मुहैया नहीं कराए जाते हैं, तब तक तीनों डायरेक्टर पुलिस हिरासत में ही रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के आदेश का पालन नहीं होने पर कहा कि जब हमने 26 सितंबर को सभी रिकार्ड 24 घंटे में देने को कहा था, तो अब तक आदेश का अमल क्यों नहीं हुआ?
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने DRT को आम्रपाली की 16 संपत्तियों की नीलामी या बिक्री का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी आदेश दिया है कि 8 डायरेक्टर और 3 पूर्व डायरेक्टर के पासपोर्ट सरेंडर करने को कहा है. कोर्ट का ये फैसला डिफॉल्टर बिल्डरों के लिए खतरे की घंटी के तौर पर देखा जा रहा है.
बीजेपी के बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का एक रिएल्टी शो पर दिया गया बयान उनकी पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन गया है. गडकरी ने कहा कि उनकी पार्टी के लोगों को बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि वह सत्ता में आएंगे. इसलिए पार्टी में सलाह बनी कि जनता से बड़े बड़े वादे किए जाएं. अब हम जब सत्ता में हैं, तो लोग हमें हमारे वादे याद दिलाते हैं और हम मुस्कुरा के आगे बढ़ जाते हैं. विपक्ष पहले से ही बीजेपी पर चुनाव के दौरान जनता से झूठे वादे किए जाने के आरोप लगाता रहा है. लेकिन अब गडकरी के इस बयान की वजह से ये मुद्दा और तूल पकड़ गया है.
सत्ता में आने के लिए झूठे वादे किए थे, गडकरी जी क्या बोल गए
देश मे #METOO कैंपेन के जोर पकड़ते ही कई नामी-गिरामी चेहरे कठघरे में खड़े हो गए हैं. ताजा नाम मौजूदा विदेश मंत्री राज्य मंत्री एम जे अकबर है, जो कई अखबारों और पत्रिकाओं के संपादक रह चुके हैं. अकबर पर महिला पत्रकारों की सहमति के खिलाफ कदम उठाने और होटल के कमरों में उनसे असहज करने वाले इंटरव्यू करने के आरोप लगे हैं. इस मामले पर विदेश मंत्री सुषमा स्वाराज से जब पत्रकारों ने सवाल पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. पत्रकारों ने एमजे अकबर पर अश्लील हरकत के लगे आरोप पर इंटर्नल कमीटी से जांच कराने को लेकर सुषमा स्वाराज से सवाल पूछा था.
#MeToo: MJ अकबर पर लगे यौन शोषण के आरोप पर सुषमा स्वराज की चुप्पी
अगर आप भी ऑनलाइन फूड ऑर्डर करते हैं, तो ये खबर आपके लिए है. जोमेटो, स्विगी, उबर ईट्स और फूड पांडा जैसे ऑनलाइन फूड डिलिवरी ऐप ने 10,500 रेस्टोरेंट्स को अपनी लिस्ट से हटा दिया है, क्योंकि इन रेस्टोरेंट्स के पास फूड सेफ्टी रेग्युलेटर का अप्रूवल नहीं था.
इसी साल जुलाई महीने में फूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने फूड डिलिवरी ऑनलाइन ऐप्स को उन रेस्टोरेंट्स को 30 सितंबर तक अपनी लिस्ट से हटाने को कहा था, जिनके पास फूड सेलिंग लाइसेंस नहीं था. FSSAI के आदेश के बाद जूमेटो ने 2500, स्विगी ने 4000, फूड पांडा ने 1800 औऱ उबर ईट्स ने 2000 रेस्टोरेंट्स को अपनी लिस्ट से हटा दिया है.
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Published: 10 Oct 2018,08:32 AM IST