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भारतीय सेना ने घटिया गोला-बारूद और युद्ध उपकरणों से फील्ड में बढ़ती दुर्घटनाओं पर चेतावनी दी है. ये गोला-बारूद सरकार के ऑनरशिप वाले ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड से टैंक, तोपों, एयर डिफेंस गन और दूसरे युद्ध उपकरण के लिए सप्लाई किया जाता है. इस बारे में सेना ने रक्षा मंत्रालय से बात की है.
अंग्रेजी अखबार 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' के मुताबिक सेना ने बताया है कि घटिया क्वॉलिटी के गोला-बारूद के कारण होने वाली दुर्घटनाओं में सैनिकों की जानें जा रही हैं, सैनिक घायल हो रहे हैं और इससे रक्षा उपकरणों को भी नुकसान पहुंच रहा है. बता दें कि गोला-बारूद की क्वॉलिटी में गिरावट से देश की युद्ध क्षमताओं पर गहरा असर पड़ता है.
जैसे-जैसे चुनाव अपने आखिरी फेज में पहुंच रहा है, वैसे ही राजनीतिक दलों ने चुनाव के बाद गठबंधन की तैयारी की कोशिशें शुरू कर दी हैं.
इसी बीच तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) की तीसरा मोर्चा बनाने की कोशिशों को झटका लगा है. केसीआर पिछले कई दिनों से गैर-बीजेपी और गैर-कांग्रेसी मोर्चा बनाने की कोशिशों में जुटे हैं. इसी सिलसिले में उन्होंने सोमवार को डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन से मुलाकात की. लेकिन मुलाकात का नतीजा उम्मीद से उलट रहा.
यूपीए के सहयोगी स्टालिन ने केसीआर को कांग्रेस को ही समर्थन देने को कहा. बता दें कि स्टालिन दो बार राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाए जाने की पैरवी कर चुके हैं.
अप्रैल में रिटेल महंगाई ने तगड़ा झटका दिया है. सब्जियों, मीट, मछली और अंडे की कीमतें बढ़ने से रिटेल महंगाई 2.92 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई, जो 6 महीने उच्चतम स्तर है. सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस ने जो महंगाई के आंकड़े जारी किए है उसमें यह बात सामने आई है. वहीं पिछले महीने यानी मार्च, 2019 में यह आंकड़ा 2.86 फीसदी रहा था.
महंगाई बढ़ने के पीछे अहम वजह फूड बास्केट की बढ़ती कीमत रही, जो अप्रैल में बढ़कर 1.1 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई जबकि मार्च में यह ये 0.3 फीसदी थी.
सांसदों की संपत्ति पिछले पांच साल में 41 फीसदी तक बढ़ गई है. इस बढ़त में सभी दलों के सांसद शामिल हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक, लोकसभा चुनाव लड़ रहे 338 में से 335 मौजूदा सांसदों की औसत संपत्ति 23.65 करोड़ रुपये है. 2014 में यह आंकड़ा 16.79 करोड़ रुपये था. यानी पांच साल में सांसदों की औसत संपत्ति 6.86 करोड़ रुपये बढ़ी है. वहीं दागी उम्मीदवार की बात करें, तो लोकसभा चुनाव में 19% यानी 1500 दागी उम्मीदवार मैदान में हैं.
2014 में 17% यानी 1404 प्रत्याशियों ने अपने ऊपर अपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी थी. एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, 1070 उम्मीदवारों पर दुष्कर्म, हत्या, अपहरण, महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर केस दर्ज हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने प्रवेश परीक्षा में आरक्षण को लेकर बड़ा फैसला किया है. कोर्ट ने कहा है कि क्वॉलिफाइंग एग्जाम में किसी तरह का आरक्षण नहीं हो सकता है. किसी भी वर्ग के लिए आरक्षण का मुद्दा एडमिशन के समय में ही आएगा.
जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET) 2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए 10% आरक्षण के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह स्पष्टीकरण दिया. कोर्ट ने कहा कि सीटीईटी सिर्फ पात्रता प्राप्त करने की परीक्षा है. आरक्षण का सवाल तो एडमिशन के समय उठेगा.
याचिकाकर्ताओं का दावा था कि वे समाज के आर्थिक रूप से कमजोर तबके के हैं और सीटीईटी-2019 की परीक्षा में बैठ रहे हैं. लेकिन इस बारे में जारी विज्ञापन में EWS कोटे का जिक्र नहीं है, जो मौलिक अधिकार का हनन है.
बेंच ने पहले तो याचिका खारिज कर दी थी और कहा कि उसमें तो SC/ST को भी आरक्षण नहीं है. लेकिन आग्रह किए जाने पर सुनवाई के लिए कोर्ट तैयार हो गया. सीटीईटी परीक्षा 7 जुलाई को होने वाली है.
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Published: 14 May 2019,08:39 AM IST