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14 नवंबर को हमने 'हालात से लड़कर कबड्डी में अपना नाम रोशन करना चाहती हैं ये लड़कियां' नाम की एक स्टोरी में आपको तमिलनाडु के चेंगलपट्टू की कुछ लड़कियों की कहानी दिखाई थी, जो फंड न होने के बावजूद कबड्डी के लिए ट्रेनिंग कर रही हैं. फेस देने के लिए पैसा न होने की वजह से इन लड़कियों को स्कूल भी छोड़ना पड़ा.
इन लड़कियों के कबड्डी कोच 30 साल के सतीश कुमार हैं और कोरोना महामारी के दौरान कुमार की स्कूल के फिजिकल ट्रेनिंग की जॉब चली गई. अब सतीश मछली बेचकर अपना गुजरा करते हैं और लड़कियों की ट्रेनिंग को फंड कर रहे हैं.
हमें ये बताते हुए खुशी हो रही है कि इस स्टोरी ने कई लोगों को प्रभावित किया और हमारे पास इन लड़कियों की जानकरी के लिए कई ईमेल आए और इन्हें वित्तीय मदद की पेशकश हुई.
धर्मपुरी से DMK सांसद डॉ सेंथिलकुमार ने क्विंट से संपर्क किया और इन लड़कियों को टूर्नामेंट के लिए दूसरे जिले में जाने और अतिरिक्त न्यूट्रिशन के लिए वित्तीय मदद की पेशकश की. उन्होंने हायर एजुकेशन के लिए भी पैसे का भरोसा दिया है, कस्टम-मेड जर्सी और टीम के लिए ट्रेनिंग गियर का आश्वासन भी दिया है.
15 नवंबर को हम इन लड़कियों को एक स्टोर में ले गए और इनके लिए रनिंग शूज लिए और जर्सी का ऑर्डर दिया. लड़कियां अब ट्रेनिंग के इंतजार में हैं.
आठ साल की हरिणी ने कहा, "जब हम रेत पर दौड़ते हैं तो कभी-कभी कांटे या पत्थर चुभ जाते हैं. अब इन जूतों से ऐसा नहीं होगा और हम आराम से खेल पाएंगे."
कई स्थानीय पेरेंट्स ने सतीश से भी संपर्क किया है और अपनी लड़कियों को भी ट्रेनिंग देने के लिए कहा. सतीश अब एक स्पोर्ट्स अकादमी बनाने की सोच रहे हैं, जिससे कि वो ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को मुफ्त में ट्रेन कर सकें और उन्हें मजबूत स्पोर्ट्सवीमेन बना सकें.
मुख्य क्षेत्रीय चैनल 'Puthiya Thalaimurai' ने भी क्विंट की स्टोरी एक आर्टिकल में शेयर की और लोगों से डोनेशन देने और लड़कियों का भविष्य सुरक्षित करने का निवेदन किया.
भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना ने भी हमारी स्टोरी ट्विटर और इंस्टाग्राम पर शेयर की और लोगों से डोनेट करने का निवेदन किया.
गौतम गंभीर ने भी ट्विटर और इंस्टाग्राम पर स्टोरी शेयर की.
बॉलीवुड एक्टर मनीषा कोइराला ने भी क्विंट के Dil Wali Diwali कैंपेन के तहत की गई इस स्टोरी को ट्विटर पर शेयर किया.
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