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केंद्रीय संस्कृति मंत्री जीके रेड्डी ने रविवार, 22 मई को उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया जा रहा था कि दिल्ली के कुतुब मीनार (Qutub Minar) में खुदाई की जा सकती है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है.
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में चल रहे विवाद के बीच इससे पहले मीडिया में सूत्रों के हवाले से यह खबर चलायी जा रही थी कि संस्कृति मंत्रालय के निर्देश पर कुतुब मीनार के दक्षिण में स्थित मस्जिद से 15 मीटर की दूरी पर खुदाई शुरू की जा सकती है.
वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद, आगरा के ताजमहल और मथुरा के शाही ईदगाह मस्जिद की तरह ही दक्षिणपंथियों ने कुतुब मीनार के धार्मिक चरित्र को निशाना बनाया है. दावा किया जा रहा है कि कुतुब मीनार को दरअसल कुतुबुद्दीन ऐबक ने चंद्रगुप्त विक्रमादित्य ने बनाया था.
मालूम हो कि दिल्ली की एक अदालत ने पिछले महीने ASI को अगले निर्देश तक कुतुब मीनार परिसर से भगवान गणेश की दो मूर्तियों को नहीं हटाने का निर्देश दिया था.
अदालत ने जैन देवता तीर्थंकर ऋषभ देव की ओर से वकील हरि शंकर जैन द्वारा दायर एक केस पर यह आदेश पारित किया. इसमें याचिकाकर्ता ने दावा किया गया था कि कुतुबदीन ऐबक ने 27 मंदिरों को आंशिक रूप से तोड़ा और उसी के मलबे से उसने कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद बनवाया.
वकील ने दावा किया है कि कुतुब मीनार के परिसर में अनादि काल से भगवान गणेश की दो मूर्तियां हैं.
विष्णु शंकर जैन नाम के शख्स ने भी दिल्ली की साकेत कोर्ट में एक याचिका दायर कर कुतुब मीनार के परिसर में हिंदू देवताओं की मूर्तियों को फिर से स्थापित करने और वहां पर पूजा-पाठ करने के की अनुमति देने की मांग की है. इस मामले की सुनवाई 24 मई को होगी. कोर्ट ने केंद्र और एएसआई से मा में जवाब दाखिल करने को कहा था.
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