Home News India राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट में आज क्या-क्या हुआ? 10 बड़ी बातें
राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट में आज क्या-क्या हुआ? 10 बड़ी बातें
राफेल डील को लेकर दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई
क्विंट हिंदी
भारत
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राफेल डील पर अगली सुनवाई 14 मार्च को तय की गई है.
(फोटो: The Quint)
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राफेल डील को लेकर दायर पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई की. इस दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया कि राफेल डील से संबंधित अहम दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए. इस पर कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय से गुरुवार तक कोर्ट में हलफनामा सौंपने के लिए कहा है. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 14 मार्च तय की गई है.
केंद्र ने कोर्ट में कहा कि ये वही दस्तावेज हैं, जो मीडिया में दिखाए गए हैं. 36 राफेल विमानों की खरीद पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से 14 दिसंबर को सरकार को दी गई क्लीनचिट को वापस लेने की मांग करने के लिए याचिकाकर्ताओं ने इन्हीं रिपोर्ट का हवाला दिया है.
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Rafale Deal मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में क्या-क्या हुआ, जानिए
प्रशांत भूषण ने जब 'द हिंदू' में पब्लिश एन राम के एक आर्टिकल का हवाला दिया, तो अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने इसका विरोध किया और कहा कि ये लेख चोरी किए गए दस्तावेजों पर आधारित है और इस मामले की जांच जारी है.
वेणुगोपाल ने कहा कि इस वरिष्ठ पत्रकार का आर्टिकल 6 फरवरी को ‘द हिंदू’ में पब्लिश हुआ था. इसका मकसद कोर्ट की कार्यवाही को प्रभावित करना है और ये अदालत की अवमानना के समान है.
वेणुगोपाल ने पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज करने और ‘द हिंदू’ में पब्लिश आर्टिकल के आधार पर प्रशांत भूषण की ओर से बहस करने पर आपत्ति की. इस पर पीठ ने केंद्र से जानना चाहा कि जब उसका कहना है कि ये आर्टिकल चोरी हुए दस्तावेजों पर आधारित है, तो उसने इसमें क्या कदम उठाए हैं?
यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और अपनी ओर से बहस शुरू करते हुए प्रशांत भूषण ने कहा कि राफेल डील के अहम तथ्यों को उस समय छुपाया गया, जब इस मामले में एफआईआर दर्ज करने और इसकी जांच के लिए याचिका दायर की गयी थी.
प्रशांत भूषण ने कहा कि अगर इन तथ्यों को कोर्ट से छुपाया नहीं गया होता, तो निश्चित ही सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करके जांच कराने के लिए दायर याचिका रद्द नहीं की होती.
केके वेणुगोपाल ने कहा कि भूषण जिन दस्तावेजों को अपना आधार बना रहे हैं, उन्हें रक्षा मंत्रालय से चोरी किया गया है और इस मामले में जांच जारी है.
इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि प्रशांत भूषण को सुनने का मतलब ये नहीं है कि सुप्रीम कोर्ट राफेल डील के दस्तावेजों को रिकॉर्ड पर ले रही है. उन्होंने वेणुगोपाल से जानना चाहा कि इस डील से संबंधित दस्तावेज चोरी होने के बाद सरकार ने क्या कार्रवाई की.
अटार्नी जनरल ने ये भी कहा कि याचिकाकर्ताओं ने जिन दस्तावेजों को अपना आधार बनाया है, उन पर गोपनीय और वर्गीकृत लिखा था, इसलिए यह सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन है.
वेणुगोपाल ने पुनर्विचार याचिकाओं और गलतबयानी के लिए दायर याचिकाओं को रद्द करने का अनुरोध किया, क्योंकि इनका आधार चोरी के दस्तावेज हैं.
वेणुगोपाल ने कहा कि आज के ‘द हिंदू’ अखबार की राफेल के बारे में खबर सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही को प्रभावित करने जैसा है और ये अपने आप में अदालत की अवमानना है.
बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने अपने दिसंबर, 2018 के फैसले पर पुनर्विचार के लिए पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और एडवोकेट प्रशांत भूषण की याचिकाओं पर सुनवाई की.
पुनर्विचार याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि सुप्रीम कोर्ट में जब राफेल डील के खिलाफ जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया, तो केंद्र ने जरूरी बातों को उससे छुपाया था.