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शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को बड़ी राहत देते हुए राफेल डील की जांच और इस मामले में केस दर्ज किए जाने को लेकर दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ ने इस मामले में कहा कि, “राफेल की खरीद प्रक्रिया में कोई कमी नहीं है.”
इस मामले में दायर याचिकाओं पर 14 नवंबर को सुनवाई पूरी की थी. इन याचिकाओं में अनुरोध किया गया कि राफेल विमानों की डील में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया जाए लेकिन अब सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
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कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राफेल डील मुद्दे पर बयान दिया. उन्होंने मुख्य तौर पर इन बातों को कहा-
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला केंद्र सरकार की जीत है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राफेल डील में हर चीज का ध्यान रखा गया.
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. अरुण जेटली ने कोर्ट के आए फैसले पर बयान दिया है. अपने बयान में उन्होंने इन बातों को कहा-
अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कहा कि राफेल डील पर सुप्रीट कोर्ट का फैसला बहुत ही शानदार निर्णय है.
राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तो बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डाली. शाह ने कहा, “राफेल पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को सही साबित किया है. राहुल गांधी को देश की जनता और सेना से माफी मांगनी चाहिए. राहुल गांधी ने देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश की. उन्होंने देश की सुरक्षा को खतरे में डालने की कोशिश की.” शाह के मुताबिक मोदी सरकार ने जो सौदा किया वो बिचौलियों से मुक्त सौदा था और कांग्रेस के वक्त रक्षा सौदों में खूब घोटाले हुए हैं
आपको राफेल में बारे में जानकारी किसने दी राहुल गांधी सार्वजनिक करें
देश की जनता कांग्रेस पार्टी से जानना चाहती है कि आपने सरकार और सरकार के बीच डील क्यों नहीं की?
विमान खरीदने में जो देरी हुई है उसकी जिम्मेदारी राहुल गांधी को लेनी होगी.
राहुल गांधी बताएं कि राफेल सौदे के बारे में उन्हें जानकारी कौन दे रहा था?
सुप्रीम कोर्ट ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया है.
सब चोर इकट्ठा होकर चौकीदार को चोर चोर कहें तो भी जनता नहीं मानेगी.
चोर चोर चिल्लाने की वजह इन लोगों का डर है.
राहुल गांधी बचकाना आरोपों से बचें, जान लें सूरज पर धूल उछालने से सूरज पर धूल नहीं पड़ती.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से बातचीत की.
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि इस मामले की जांच के लिए संसद की JPC ही सही मंच है. उन्होंने कहा,'' राफेल मामले पर जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट सही मंच नहीं है. हम SC के फैसले का स्वागत करते हैं लेकिन इस मामले पर सच तभी सामने आएगा जब इस मामले की जांच जेपीसी करेगी.''
रणदीप सुरजेवाला ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “राफेल सौदे का मामला अनुच्छेद 132 और 32 से जुड़ा है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट विमान के मूल्य और सौदे की प्रकिया से जुड़ी संवेदनशील रक्षा अनुबंध पर फैसला नहीं दे सकता. इस मामले की सिर्फ जेपीसी से जांच कराई जा सकती है.”
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि उन्होंने राजनीतिक फायदे के लिए देश की जनता को गुमराह करने की कोशिश की.
राफेल पर सुप्रीम कोर्ट में फैसला आने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा, “ राहुल गांधी ने जो आरोप लगाए हैं वो एकदम सही हैं और स्टैंड करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कई पहलुओं पर गौर ही नहीं किया. प्रधानमंत्री ने राफेल विमान कई गुना ज्यादा महंगी कीमत पर लिए. राफेल सौदे में दसॉ से अनिल अंबानी की कंपनी को ऑफसेट पार्टनर बनाने की शर्त रखी गई. कई सवालों को जवाब मिले ही नहीं है. हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खारिज करते हैं इस मामले की जांच जेपीसी के जरिए होनी चाहिए, फोरेंसिक जांच होनी चाहिए पूरे सौदे की. सिर्फ जेपीसी ही ये जांच कर सकती है, प्रधानमंत्री ने पूरा सौदा अपनी मनमर्जी से किया है”
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर अनिल अंबानी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. अनिल अंबानी ने लिखा कि, “ राफेल पर सभी याचिकाओं को खारिज करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के स्वागत करता हूं. ये साबित करता है कि राफेल पर सभी आरोप झूठे थे. सभी आरोप गलत, निराधार और राजनीति से प्रभावित थे. ”
राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट किया है और लिखा है कि वो अब भी राफेल डील की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी से जांच करवाना चाहते हैं. इसको लेकर उन्होंने एक ऑनलाइन पेटिशन की भी शुरुआत की.
केंद्रीय मंत्री ने राफेल डील पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि इस फैसले ने कांग्रेस पार्टी के झूठ का पर्दाफाश कर दिया है.
राफेल डील को सुप्रीम कोर्ट की क्लीन चिट मिलने के बाद बीजेपी की ओर से मांग उठ रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को पीएम मोदी से माफी मांगनी चाहिए. लोकसभा में संसदीय कार्यमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि राहुल गांधी को अब माफी मांगनी चाहिए. जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ तो विपक्षी दलों ने राफेल समेत कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की लेकिन बीजेपी के मेंबर खड़े हुए और उन्होंने कांग्रेस और गांधी परिवार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी.
शोर बढ़ता देख सुबह 11.10 बजे स्पीकर सुमित्रा महाजन ने हाउस को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया.
सीनियर वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला पूरी तरह से गलत है और वो एक रीव्यू पेटिशन(पुनर्विचार याचिका) फाइल करेंगे.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह का कहना है कि राफेल डील बिल्कुल सही है और कांग्रेस के सभी आरोप बिल्कुल गलत हैं. राजनाथ सिंह का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने बिल्कुल सही फैसला किया है.
राफेल डील को लेकर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि राफेल विमान खरीद की प्रक्रिया में शक की कोई गुंजाइश नहीं है. इसमें कारोबारी पक्षपातों जैसी कोई बात सामने नहीं आई है. ऐसे मामले में न्यायिक समीक्षा का नियम तय नहीं है. राफेल सौदे की प्रक्रिया में कोई कमी नहीं है। 36 विमान खरीदने के फैसले पर सवाल उठाना गलत है.
राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई पर CJI रंजन गोगोई ने कहा कि, “विमान सौदे की पूरी प्रक्रिया बिल्कुल सही है और राफेल की गुणवत्ता पर कोई सवाल नहीं है. हमने सौदे की पूरी प्रक्रिया को पढ़ा है, कीमत देखना कोर्ट का काम नहीं है” अब ऐसे में राफेल सौदे पर आई सभी याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी हैं.
केंद्र सरकार ने फ्रांस से 36 राफेल डील का पुरजोर बचाव किया और इनकी कीमत से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग का विरोध किया. भारत ने करीब 58,000 करोड़ रुपए की कीमत के 36 राफेल विमान खरीदने के लिए फ्रांस के साथ समझौता किया है, ताकि भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता में सुधार किया जा सके.
सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करते हुए कहा था कि राफेल विमान की कीमतों के बारे में तभी चर्चा हो सकेगी, जब वह फैसला कर लेगा कि क्या इन्हें सार्वजनिक किया जाना चाहिए. कोर्ट ने ये टिप्पणी उस वक्त की थी, जब सरकार ने डील की कीमतों का सार्वजनिक रूप से खुलासा करने से इनकार करते हुए कहा था कि इससे देश के दुश्मनों को फायदा हो सकता है.
डील में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सबसे पहले एडवोकेट मनोहर लाल शर्मा ने जनहित याचिका दायर की थी. इसके बाद, एक दूसरे एडवोकेट विनीत ढांडा ने याचिका दायर कर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इस डील की जांच कराने का अनुरोध किया था. डील को लेकर 'आप' के सांसद संजय सिंह, दो पूर्व मंत्रियों, बीजेपी नेताओं- यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी के साथ एडवोकेट प्रशांत भूषण ने एक अलग याचिका दायर की.