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कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) राजीव महर्षि से राफेल सौदे के ऑडिट से खुद को अलग करने के लिए कहा है. इसे हितों का टकराव बताते हुए सिब्बल ने महर्षि पर सरकार की मदद करने का आरोप लगाया. सिब्बल ने कहा कि महर्षि सरकार को क्लीन चिट सर्टिफिकेट दे उसकी मदद कर रहे हैं.
सिब्बल ने कहा कि राजीव महर्षि संवैधानिक, कानूनी और नैतिक रूप से इसे ऑडिट करने या पीएसी और संसद के सामने ये रिपोर्ट पेश करने के योग्य नहीं हैं. राफेल से जुड़ी कैग की रिपोर्ट सोमवार (आज) संसद में पेश की जा सकती है.
रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिब्बल ने कहा कि राजीव महर्षि अप्रैल 2015 में 36 राफेल एयरक्राफ्ट की 58,000 करोड़ में खरीद और जून 2015 में 126 एयरक्राफ्ट एमएमआरसीए सौदे के कैंसल होने के दौरान वित्त सचिव थे.
सिब्बल ने कहा कि महर्षि के पास इसे ऑडिट करने का कोई कारण नहीं है. कांग्रेस नेता ने कहा "अनियमितता और भ्रष्टाचार आपकी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष सहमति से उच्चतम स्तर पर हो रहे थे. ये पूरे मामले में आपके प्रत्यक्ष सहयोग को दर्शाता है. आपके पास 36 राफेल विमान सौदे का ऑडिट करने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि आप न तो अपने मामले में जज हो सकते हैं और न ही उस काम में ऑडिट में बैठ सकते हैं जिसका आप एक हिस्सा थे."
कपिल सिब्बल ने कहा कि रक्षा खरीद प्रक्रिया के तहत भी भारत सरकार (बिजनेस का लेन-देन) नियम, वित्त मंत्रालय और फिर सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी (CCS) रक्षा सौदों की वित्तीय मंजूरी के लिए सही अधिकारी हैं.
सिब्बल ने कहा, "एक चीज जो अधिकारियों को ध्यान नें रखनी चाहिए कि चुनाव आते-जाते रहेंगे. कभी हम विपक्ष में होंगे, तो कभी सत्ता में. कुछ अधिकारी होंगे जो हितों के टकराव के बावजूद प्रधानमंत्री को ये दिखाना चाहते हैं कि वो वफादार हैं. हम ऐसे लोगों को देख रहे हैं. और वो अकेले नहीं हैं, ऐसे कई लोग हैं. "
कैग पर कांग्रेस के हमले के बाद सरकार ने इसका बचाव किया. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ट्वीट कर कहा कि 10 साल की सरकार के बाद भी यूपीए के मंत्रियों को नहीं मालूम कि वित्त मंत्री सिर्फ एक पद है जो वित्त मंत्रालय में सबसे सीनियर सचिव को दिया जाता है.
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