Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019राफेल डील: पोर्टल का दावा- कंपनी ने दी 65 करोड़ की रिश्वत,CBI-ED ने किया नजरअंदाज

राफेल डील: पोर्टल का दावा- कंपनी ने दी 65 करोड़ की रिश्वत,CBI-ED ने किया नजरअंदाज

Mediapart ने कथित फेक इनवॉइस पब्लिश किया और दावा किया गया कि इसकी मदद से बिचौलिए- सुशेन गुप्ता को दी गयी रिश्वत

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
<div class="paragraphs"><p>राफेल विमानों के सौदे पर सवाल</p></div>
i

राफेल विमानों के सौदे पर सवाल

(फोटोः PTI)

advertisement

राफेल डील (Rafale deal) पर मोदी सरकार की परेशानी खत्म होती नहीं दिख रही. फ्रांसीसी पोर्टल मीडियापार्ट (Mediapart) ने एक नई रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि राफेल बनाने वाली फ्रांसीसी कंपनी दसॉ (Dassault) ने कॉन्ट्रैक्ट को सुरक्षित करने के लिए लगभग ₹ 65 करोड़ का भुगतान किया और इससे जुड़े डॉक्यूमेंट्स होने के बावजूद भारतीय एजेंसियों ने इसकी जांच नहीं की.

मीडियापार्ट ने रविवार, 7 नवंबर को कथित नकली इनवॉइस पब्लिश किया और दावा किया गया कि इसकी मदद से दसॉ एविएशन ने एक बिचौलिए- सुशेन गुप्ता को कम से कम € 7.5 मिलियन (लगभग ₹ 65 करोड़ ) का भुगतान किया ताकि उसे 36 राफेल फाइटर प्लेन बेचने के लिए भारत के साथ ₹ 59,000 करोड़ का डील हासिल हो सके.

पोर्टल का दावा- सबूत होने के बावजूद भारतीय एजेंसियों ने जांच नहीं की

पोर्टल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि, "इन डॉक्यूमेंट्स के होने के बावजूद, भारतीय फेडरल पुलिस ने मामले को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है और जांच शुरू नहीं की है." मीडियापार्ट की रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय(ED) के पास अक्टूबर 2018 से सबूत हैं कि दसॉ ने राफेल जेट के कॉन्ट्रैक्ट को सुरक्षित करने के लिए सुशेन गुप्ता को रिश्वत दी थी.

इससे पहले अप्रैल में प्रकाशित मीडियापार्ट की रिपोर्ट के अनुसार इस कथित भुगतान का बड़ा हिस्सा 2013 से पहले किया गया था.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मीडियापार्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सबूत गोपनीय डॉक्यूमेंट्स में मौजूद है और यह दो एजेंसियों द्वारा जांच की जा रही अगस्ता वेस्टलैंड द्वारा वीवीआईपी हेलिकॉप्टरों की आपूर्ति से जुड़े घोटाले के मामले में सामने आए हैं.

गौरतलब है कि सुशेन गुप्ता को इससे पहले अगस्ता वेस्टलैंड डील में ही कथित रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. सुशेन गुप्ता पर अगस्ता वेस्टलैंड से मॉरीशस स्थित इंटरस्टेलर टेक्नोलॉजीज में रजिस्टर्ड एक शेल कंपनी के माध्यम से रिश्वत लेने का आरोप है. मॉरीशस के अधिकारियों ने जांच की सुविधा के लिए कंपनी से संबंधित दस्तावेज सीबीआई और ED को भेजने पर सहमति व्यक्त की है .

"राफेल पेपर्स" पर मीडियापार्ट के रिपोर्ट्स के कारण ही जुलाई 2021 में फ्रांस में राफेल के सौदे पर भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोपों में न्यायिक जांच शुरू हो चुकी है.

(क्विंट ने Mediapart द्वारा उद्धृत किसी भी डॉक्यूमेंट की समीक्षा नहीं की है)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 08 Nov 2021,04:28 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT