advertisement
योग और सुबह की सैर को छोड़ दें तो कितने चुस्त-दुरुस्त नेताओं को हम जानते हैं? ये सवाल हम नहीं पूछ रहे, मुक्केबाज विजेंदर सिंह पूछ रहे हैं, और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के पास इसका जवाब है- वो खुद.
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के सालाना जलसे में विजेंदर सिंह ने मजाक में कहा कि उन्होंने कई नेताओं को उद्घाटन करने के लिए फीता काटते देखा है, लेकिन कभी किसी ऐसे को नहीं देखा जो खेलकूद में भी उस्ताद हो. वो जानना चाहते थे कि अगर राहुल प्रधानमंत्री बने तो वो देश में खेलों के विकास के लिए क्या करेंगे.
लेकिन ये आईकीडो है क्या? चलिए हम आपको बताते हैं.
जापानी मार्शल आर्ट के इस तरीके को 20वीं सदी की शुरुआत में मोरिहेई यूशिबा ने विकसित किया था. यूशिबा को “महान शिक्षक” के रूप में याद किया जाता है और उन्होंने 1907 तक, रूस-जापान युद्ध के दौरान जापानी सेना में काम किया था.
आईकीडो में शामिल है इरीमी यानी प्रवेश, विपक्षी की रफ्तार को रोकने के लिए घुमावदार चाल, और कई तरह के दांव और जोड़ों को जकड़ने की तकनीक (ज्वाइंट लॉक). इसकी शुरुआत जुजुत्सू से हुई थी, लेकिन 1920 के दशक में इसने अपना अलग रूप हासिल कर लिया.
पारंपरिक रूप से, आईकीडो रक्षात्मक मार्शल आर्ट ज्यादा है. इसमें प्रतिस्पर्धा नहीं होती थी और खिलाड़ियों से उम्मीद की जाती थी कि वो पार्टनर के साथ सहयोग करेंगे. इसका हुनर विपक्षी को ताकत से नहीं, बल्कि तकनीक से हराने में है.
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी से बॉक्सर विजेंदर ने पूछा भाभी कब लाओगे? मिला ये जवाब
आईकीडो में ब्लैक बेल्ट का मतलब है कि राहुल गांधी गंभीर चोट पहुंचा सकते हैं.
आमतौर पर, प्रशिक्षण में पहले एक ग्रेड और फिर डिग्री की सीरीज से आगे बढ़ते हैं. तो अगर राहुल आईकीडो में ब्लैक बेल्ट हैं तो फिर उन्होंने प्रशिक्षण में काफी ऊंचाई हासिल की है.
हालांकि, ऐसा कहा जाता है कि अलग-अलग लोगों और संस्थानों के लिए परीक्षण की जरूरत में अंतर होता है, इसलिए किसी संस्थान के रैंक की तुलना दूसरे संस्थान से शायद ना हो सके. आईकीडो की आईकीकाई शैली में ब्लैक बेल्ट के नौ स्तर होते हैं. राहुल शायद पहले स्तर पर हैं. दुनिया में कुछ ही लोगों के पास नौवें स्तर का ब्लैक बेल्ट है.
भारत में आईकीडो अभी उतना लोकप्रिय नहीं है जितना जूडो, कराटे और ताइक्वांडो. वाराणसी जैसे शहरों में कुछ केंद्र हैं. मुंबई, चेन्नई और दिल्ली में आईकीडो की आईकीकाई शैली सिखाने के केंद्र हैं. संभावना यही है कि राहुल ने राजधानी में इसका प्रशिक्षण लिया होगा.
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी ने ट्विटर पर पॉलिटिक्स को बड़ा दिलचस्प बना दिया है
कुल मिलाकर, फिटनेस को गंभीरता से लेने के लिए राहुल की तारीफ तो बनती है. शायद किसी दिन वो आईकीडो की प्रैक्टिस करते हुए अपनी वीडियो जारी करें, जैसा वादा उन्होंने विजेंदर सिंह से किया है!
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)